नैनीताल
तीन साल पहले मंडी चौकी क्षेत्र में हुए युवक की सनसनीखेज हत्याकांड के मामले में आरोपी बरी
सीएन, हल्द्वानी। तीन साल पहले मंडी चौकी क्षेत्र में हुए युवक की हत्या के मामले में न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने चारों आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप सिद्ध करने में नाकाम रहा, जबकि गवाहों के बयानों में विरोधाभास और जांच में लापरवाही स्पष्ट रूप से नजर आई। मामला वर्ष 2022 का है। रामपुर रोड स्थित डहरिया निवासी गोविंद गैड़ा ने पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि 6 जुलाई 2022 को हरीश बृजवासी नाम का व्यक्ति उसे, उसके छोटे भाई नीरज गैड़ा और अन्य लोगों को काठगोदाम की ओर घूमने के बहाने कार में लेकर गया। कुछ देर बाद सभी मंडी बाइपास स्थित वाइन शॉप के पास खाली प्लॉट में पहुंचे, जहां हरीश कुछ युवकों से बातचीत करने लगा। इसी दौरान युवकों ने नीरज पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। गोविंद के अनुसार, आरोपितों ने नीरज को बेरहमी से पीटा और गंभीर हालत में छोड़कर फरार हो गए। बाद में उपचार के दौरान नीरज की मौत हो गई। मामले में पुलिस ने गोविंद की तहरीर पर हरीश बृजवासी, मनीष सैनी, ललित मोहन नेगी और नीरज संभल के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया था। आरोप था कि हरीश बृजवासी ने ही अन्य युवकों को नीरज गैड़ा पर हमला करने के लिए उकसाया था ट्रायल के दौरान बचाव पक्ष ने पुलिस जांच में कई खामियां उजागर कीं। नीरज संभल की ओर से पैरवी कर रहे बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव राजन मेहरा ने अदालत को बताया कि पुलिस ने कथित डंडों की बरामदगी तो दिखाई, लेकिन उसका कोई मेमो तैयार नहीं किया गया। वहीं, सीसीटीवी फुटेज में नीरज संभल के घटनास्थल पर होने का कोई सबूत नहीं मिला। गवाहों ने भी अदालत में संभल की पहचान से इंकार कर दिया। अहम बात यह भी सामने आई कि पुलिस रिपोर्ट में आरोपी नीरज संभल का पता और पिता का नाम तक गलत दर्ज था। इन सभी विसंगतियों को देखते हुए अदालत ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों को अविश्वसनीय मानते हुए सभी आरोपितों को बरी कर दिया।





















































