नैनीताल
नासा को आसमान में दिखा ‘क्वेश्चन मार्क’, खोल सकता है ब्रह्मांड के अनसुलझे रहस्य
नासा को आसमान में दिखा ‘क्वेश्चन मार्क’, खोल सकता है ब्रह्मांड के अनसुलझे रहस्य
सीएन, नैनीताल।। हाल ही जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप द्वारा ली गई फोटोज में कुछ ऐसा देखने को मिला जिसमें सभी खगोलविदों को चौंका दिया। जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप ने बच्चा तारों की तस्वीर ली है। ये अभी बन ही रहे हैं। इनके चारों तरफ कई रंगों की रोशनी का विस्फोट देखा गया है। इन फोटोज में अंतरिक्ष में एक क्वेश्चन मार्क दिखाई दे रहा है। यह क्वेश्चन मार्क हमारी गैलेक्सी मिल्की वे के दो सबसे ज्यादा प्रसिद्ध तारे हैं, जिन्हें हरविग हारो 46/47 नाम दिया गया है। शोधकर्ताओं के अनुसार इन दोनों तारों के अध्ययन से हमारे सूर्य के जन्म के बारे में जानने में सुविधा मिलेगी। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के अनुसार ये दोनों ही तारे हमारी पृथ्वी से लगभग 1400 प्रकाश वर्ष दूर हैं और मात्र कुछ हजार वर्ष ही है जबकि हमारे सूर्य को बने खरबों वर्ष बीत चुके हैं। यदि सैद्धान्तिक रूप से देखा जाए तो अभी ये दोनों तारा बनने की प्रक्रिया में है और जल्दी ही अपने वास्तविक रूप में आ जाएंगे। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप द्वारा ली गई फोटो में ये दोनों सितारे ही एक क्वेश्चन मार्क की तरह दिखाई दे रहे हैं। स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट के प्रमुख वैज्ञानिक क्रिस्टोफर ब्रिट, जो टेलीस्कोप द्वारा एकत्रित किए गए डेटा का विश्लेषण करते हैं, कहते हैं कि ये सितारे हमारे गैलेक्टिक पड़ोस से बहुत दूर हैं, संभवतः अरबों प्रकाश वर्ष दूर हैं। उनके अनुसार प्रश्न चिन्ह का निशान वास्तव में दो आकाश गंगाओं का विलय हो सकता है। ब्रिट कहते हैं, यह कुछ ऐसा है जो अक्सर देखा जाता है, और यह आकाशगंगाओं के साथ उनके जीवन के दौरान कई बार होता है। इसमें हमारी अपनी आकाशगंगा, मिल्की वे भी शामिल है, जो आने वाले लगभग चार अरब वर्षों में एंड्रोमेडा में विलीन हो जाएगी। उनके अनुसार प्रश्न चिह्न की विचित्र आकृति में दो आकाशगंगाओं की ओर इशारा करने वाले संकेत मिलते हैं। संभवतया ये दो चमकीले धब्बे हैं, एक वक्र में और दूसरा बिंदु में, जो गैलेक्टिक नाभिक या आकाशगंगाओं के केंद्र हो सकते हैं। प्रश्न चिह्न का वक्र पूंछ हो सकता है जो दो आकाशगंगाओं के एक दूसरे की ओर सर्पिल होने पर अलग हो जाती है। कोलंबिया विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्री डेविड हेलफैंड कहते हैं कि ये बहुत प्यारा है। यह एक प्रश्न चिह्न है… लेकिन आप अंतरिक्ष में कोलन, सेमीकोलन और अन्य कई चिह्न भी पा सकते हैं। इसका कारण यह है कि हमारे पास हर आधे घंटे में ली गई प्रत्येक इमेज में प्रकाश के 10,000 छोटे धब्बे हैं। हमारा दिमाग चीजों में छिपे हुए पैटर्न को खोजने के लिए प्रोग्राम्ड होता है, ऐसे में हमें जब भी कहीं कोई सिमेट्री दिखती हैं तो हम उसमें से परिचित आकृतियों या चिह्नों को ढूंढने का प्रयास करते हैं। ऐसा नहीं है कि यह पहली बार ही हुआ है, वर्ष 2008 में नासा के हबल स्पेस टेलीस्कोप ने भी ऐसी ही एक इमेज कैप्चर की थी। इसमें दो आकाशगंगाएं मर्ज हो रही थीं जो अभी 90 डिग्री पर घूम गई हैं। हेलफैंड के अनुसार प्रश्न चिह्न दो अलग-अलग वस्तुएं वक्र और बिंदु के रूप में हो सकते हैं। हालांकि लाइन में आने से अधिक भी हो सकता है। अथवा वे एक दूसरे से पूरी तरह अलग भी हो सकते हैं। स्रोत : नासा
























