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बुरी खबर : उत्तरकाशी टनल में काम कर रही अत्याधुनिक ऑगर मशीन खराब

लोकेंद्र सिंह बिष्ट, उत्तरकाशी। जनपद उत्तरकाशी में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन टनल में भूस्खलन के कारण फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए सुरंग में जारी रेस्क्यू कार्य के बीच टनल में काम कर रही अत्याधुनिक ऑगर मशीन भी खराब हो गई है। रेस्क्यू में अपनाई गई रणनीति प्लान ए के बाद प्लान बी भी असफल। अब प्लान सी पर कार्य करना होगा, इसके अलावा अन्य उपायों पर भी आगे बढ़ना होगा। जिला आपदा प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार, ह्यूम पाइप बिछाने के लिए मलबे के अंदर छेद करने के लिए लाई गई ऑगर मशीन ने काम करना बंद कर दिया है।
मलबे के साथ भारी भारी वा हार्ड रॉक भी होंगी ऐसे में आगर मशीन के लिए रास्ता बनाना आसान नहीं है। अभी तक रणनीति के हिसाब से 900 एमएम व्यास के ह्यूम पाइप की अंदर डालकर इसके माध्यम से टनल में फंसे लोगों तक पहुंचने का प्रयास था और इसी ह्यूम पाइप से फंसे लोगों को बाहर निकालने की रणनीति बनाई गई थी, लेकिन आगर मशीन के भी खराब हो जाने से मजदूरों तक पहुंचने का प्लान बी भी असफल रहा। जबकि इससे पहले प्लान ए के तहत मलबा हटाकर मजदूरों तक पहुंचने का प्लान भी असफल रहा है। क्योंकि टनल के अंदर भारी मात्रा में मलबा आया है जिसकी लंबाई 60 मीटर बताई जा रही है और इसमें भारी दिक्कत ये है कि जैसे ही मलबा हटाने की कार्यवाही की जा रही थी अंदर पहाड़ी पर बनी कैविटी से मलबा फिर से गिरना शुरू हो रहा है। प्रशासन द्वारा अब सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए दूसरी ऑगर मशीन हेलिकॉप्टर से चिन्यालीसौड़ तक मंगवाई जा रही है। सुरंग के अंदर मजदूर पिछले तीन दिन से फंसे हुए हैं, जिन्हें सुराख से हवा और पाईप से ऑक्सीजन व भोजन, दवाइयां आदि की सप्लाई की जा रही है। ऑगर मशीन से ड्रिलिंग के जरिए 900 एमएम व्यास के ह्यूम पाइप बिछाकर मजदूरों को बाहर निकालने का प्रयास हो रहा था, लेकिन बुधवार को सुबह मशीन खराब हो गई। ऐसे में फिलहाल रेस्क्यू कार्य प्रगति फिर से शून्य हो गया है। ऑगर मशीन के जरिए ह्यूम पाइप बिछाकर मजदूरों को बाहर निकालने को जारी रेस्क्यू ऑपरेशन बाधित होने से टनल में फंसी 40 जिंदगियां इस वक्त संकट में हैं। टनल में फंसे लोगों को आज चौथा दिन यानी लगभग 80 घंटे हो चुके हैं ऐसे में समय जैसे जैसे व्यतीत हो रहा है टनल में फंसे लोगों के जीवन पर संकट भी बढ़ता ही जा रहा है।

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