उत्तरकाशी
बहती मां गंगा में फेंका जा रहा है बीआरओ द्वारा लाखों टन मलवा, बीआरओ ने कहा डंपिंग एरिया
बहती मां गंगा में फेंका जा रहा है बीआरओ द्वारा लाखों टन मलवा, बीआरओ ने कहा डंपिंग एरिया
सीएन, उत्तरकाशी। बंदरकोट से 400 मीटर नीचे गहरी घाटी में बहती मां गंगा में बीआरओ द्वारा लाखों टन मलवा फेंका जा रहा है। जिस जगह से मलवा फेंका जा रहा है वह मलबा सीधे 400 या 500 मीटर गहरी वर्टिकल घाटी में बहती, कलकल करती मां गंगा में गिरता है। ऊपर से फेंका जा रहा मलबा में से बड़े से बड़े और विशाल से विशाल पत्थर, बोल्डर तो गंगा में गिर ही रहे है एक तिनका भी पहाड़ी के वर्टिकल होने के चलते सीधे मां गंगा जी की शरण में पहुंच जाता है। इस मलबे से मां गंगा का प्राकृतिक बहाव छिन्न भिन्न हो रहा है, मां गंगा का अविरलता, निर्मलता और दिव्यता बदरंग हो रही है। मां गंगा प्रदूषित हो रही है। मां गंगा में वास करने वाले जलीय जीवन संकट में है। बीआरओ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मां गंगा को अविरल, स्वच्छ, निर्मल बनाने के ड्रीम प्रोजेक्ट को पलीता लगा रहे हैं। टीवी में प्रमुखता से प्रकाशित हुई तो बीआरओ ने दोनो चैनल के पत्रकारों को स्पष्टीकरण पत्र भेजा है कि इस जगह पर उनका डंपिंग एरिया है। प्रांत संयोजक गंगा विचार मंच नमामि गंगे, जलशक्ति मंत्रालय भारत सरकार के संयोजक लोकेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा है कि बीआरओ के स्पष्टीकरण से वह संतुष्ट नही है। मलबे को जब मां गंगा में ही उड़ेला जाना है तो किस तरह वह डंपिंग एरिया हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस विषय को वह आने वाली जिला गंगा समिति में रखेंगे और साथ में इस विषय को एनएमसीजी के समक्ष भेजा जा रहा है। बीआरओ के कथन यदि स्पष्ट हैं तो इस पर जांच होनी चाहिए।