शिक्षा
प्रो. सतपाल बिष्ट को अल्मोड़ा विश्वविद्यालय के कुलपति बनने पर किया स्वागत व अभिनंदन
सीएन, नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ कूटा ने डीएसबी परिसर नैनीताल के प्रो. सतपाल बिष्ट को अल्मोड़ा विश्वविद्यालय के कुलपति बनने पर स्वागत एवम अभिनंदन किया। जंतु विज्ञान विभाग में प्रो. सतपाल को शॉल उड़ाकर पुष्प गुच्छ, चिनार का पौधा भेट किया। कूटा ने मिष्ठान वितरण भी किया। प्रो. सतपाल के कुलपति बनने पर कुमाऊं यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ कूटा ने उन्हें बधाई दी है तथा उज्वल भविष्य की कामना की। कूटा की तरफ से प्रो. ललित तिवारी, डा. विजय कुमार, डा. नीलू लोधियाल, डा. संतोष कुमार, डा. पैनी जोशी, डा. उमंग सैनी डा. सीमा चौहान, डा. दीपिका पंत, प्रो. सुसुमा रमता, प्रो. हरीश बिष्ट, डा. हिमांशु लोहनी, डा. मनोज आर्य, डा. नवीन पांडे ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट के सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के कुलपति पद पर नियुक्ति होने पर कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में कुविवि के कुलपति, प्राध्यापकों, अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा हर्ष व्यक्त करते हुए स्वागत. अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर कुविवि के कुलपति प्रो० दीवान सिंह रावत ने कहा कि नवनियुक्त कुलपति प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट के नेतृत्व में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय विकास के नए आयाम स्थापित करेगा। इस अवसर पर कुलसचिव दिनेश चंद्रा, वित्त नियंत्रक आर्या, डॉ. महेंद्र राणा, उप कुलसचिव दुर्गेश डिमरी, एलडी उपाध्याय, भूपाल सिंह करायत के साथ विश्वविद्यालय के कई वरिष्ठ प्रोफेसर एवं अधिकारी मौजूद रहे। राज्यपाल और कुलाधिपति गुरमीत सिंह ने कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के डीएसबी परिसर में जंतु विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष और बायोमेडिकल साइंस संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट को सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा का कुलपति नियुक्त किया गया है। प्रो. बिष्ट का कार्यकाल कार्यभार ग्रहण करने से तीन वर्ष तक या अग्रिम आदेशों तक रहेगा।
विवि को नए शोध के क्षेत्र में आगे बढ़ाएंगे: प्रो. बिष्ट
नैनीताल। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के नवनियुक्त कुलपति प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि कार्यभार ग्रहण करने के बाद उनकी प्राथमिकता समय से विश्वविद्यालय की परीक्षाओं को संपन्न कराने के साथ.साथ परीक्षाफल समय पर घोषित करने की रहेगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को शोध कार्यों के साथ.साथ रोजगारपक पाठ्यक्रमों की दिशा में आगे बढ़ाया जाएगा।