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पर्यावरण

उत्तराखंड की महत्वपूर्ण नदी पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने और बनाए रखने की आवश्यकता : भाष्कर दास गुप्ता

सीएन, नैनीताल। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन जल शक्ति मंत्रालय और नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ अर्बन अफेयर्स आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार और शहरी विकास विभाग, उत्तराखंड सरकार, द्वारा ‘शहरी नदियों का प्रबंधन: नियोजन से अभ्यास तक’ के संबंध में 2 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम (15-16 जून 2023) डॉ. आर.एस. टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी, नैनीताल उत्तराखंड में आयोजित किया गया I प्रशिक्षण कार्यक्रम एनएमसीजी और एनआईयूए के संयुक्त सहयोग “रिवर सिटीज एलायंस (आरसीए)” के तत्वावधान में आयोजित किया गया था। आरसीए में वर्तमान में भारत में विभिन्न नदी बेसिनो के 115 शहर शामिल हैं। उत्तराखंड में, देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर, काशीपुर, नैनीताल, उत्तरकाशी, सेलाकुई और विकासनगर जैसे 10 शहर आरसीए के सदस्य हैं। इसके अतिरिक्त, उत्तराखंड के 4 अन्य शहरों को आरसीए में जोड़ा गया, जिसमे कोटद्वार नगर निगम, रामनगर नगर पालिका, मुनि-की-रेती नगर पालिका और टिहरी गढ़वाल नगर पालिका शामिल हैं I श्री बी.पी. पांडे, महानिदेशक, एटीआई, नैनीताल, श्री भास्कर दासगुप्ता, ईडी (एफ), एनएमसीजी (वर्चुअल मोड), श्री धीरज जोशी, उप सचिव, एनएमसीजी, श्री सुमित चक्रवर्ती, अर्बन लीड, एनएमसीजी, श्री राहुल सचदेवा, वरिष्ठ कार्यक्रम विशेषज्ञ, एनआईयूए और श्री रोहित जयाडा, एम एंड ई विशेषज्ञ, एसपीएमजी, नमामि गंगे, उत्तराखंड ने 15 जून 2023 को आयोजित उद्घाटन समारोह के दौरान प्रतिभागियों का स्वागत किया। श्री बी.पी. पांडे, महानिदेशक ने आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए नदी केंद्रित विकास की आवश्यकता पर बल देते हुए प्रतिभागियों को विशेष संबोधन दिया। महानिदेशक ने यह भी कहा कि उत्तराखंड के अन्य शहरों को भी आरसीए के एक भाग के रूप में एकीकृत किया जा सकता है। श्री भास्कर दासगुप्ता, ईडी (एफ), एनएमसीजी वर्चुअल मोड के माध्यम से बैठक में शामिल हुए और मुख्य भाषण दिया, जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि एनएमसीजी और एनआईयूए की शहरी नदी प्रबंधन योजना (यूआरएमपी) पहल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के वेक अप कॉल का परिणाम है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि यूआरएमपी शहरीकरण के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें स्वच्छता और सीवेज इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ एकीकृत जल प्रबंधन शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘देवभूमि’ के रूप में जाने जाने वाले उत्तराखंड को महत्वपूर्ण नदी पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने और बनाए रखने की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एनएमसीजी और एनआईयूए शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) से आवश्यक समर्थन, सहयोग और पहल के साथ, राज्य से निरंतर प्रतिबद्धता और स्वामित्व के साथ, यूआरएमपी के विकास से संबंधित तकनीकी पहलुओं पर उत्तराखंड के नदी शहरों को संभालने के लिए प्रतिबद्ध हैं। एनएमसीजी के उप सचिव श्री धीरज जोशी ने एनएमसीजी के ‘न्यू अर्बन एजेंडा’ को रेखांकित किया, जो शहरी नदी प्रबंधन योजना (यूआरएमपी) के विकास पर केंद्रित है। उत्तराखंड के 5 शहर यूआरएमपी विकसित करने के लिए सहमत हो गए हैं और प्रशिक्षण कार्यक्रम इस दूरदर्शी और महत्वपूर्ण पहल के संचालन की दिशा में पहला कदम है। एसपीएमजी, नमामि गंगे, उत्तराखंड की ओर से, श्री रोहित जयाडा, मोनिटरिंग और इवैल्यूएशन विशेषज्ञ ने आरसीए बैठक में सभी सदस्य शहरों के प्रतिभागियों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने इस 2 दिवसीय यूआरएमपी केंद्रित प्रशिक्षण सत्र के महत्व पर चर्चा करी और आरसीए सदस्य शहरों को एसपीएमजी उत्तराखंड से हर संभव सहयोग देने की बात करी I

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