पर्यावरण
इस बार नैनी झील के साथ ही रिचार्ज करने वाली कैचमेंट सूखाताल भी लबालब
इस बार नैनी झील के साथ ही रिचार्ज करने वाली कैचमेंट सूखाताल भी लबालब
सीएन, नैनीताल। सरोवर नगरी नैनीताल में इस बार नैनी झील के साथ ही इसे रिचार्ज करने वाली सूखाताल भी लबालब है। जबरदस्त बारिश से नगर के प्राकृतिक जल स्रोत खुल चुके हैं। जिसके चलते सूखाताल झील पानी से लबालब भर गई है। झील के किनारे पाथ वे भी झील में समा गया है। बारिश के बाद भरी सूखाताल झील पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। नगर की सूखाताल झील बरसात के दौरान भर जाती है, जो नैनी झील की सहायक झील के रूप में कार्य करती है। लेकिन कई कारणों के चलते झील लबालब नहीं भर पाती है। ज्यादातर झील में कीचड़ नजर आता है। लेकिन बीते वर्ष से बरसात के दौरान नैनीताल में मूसलाधार बारिश होने से झील अपने पुराने स्वरूप में दिखाई दे रही है। इधर बीते दिनों लगातार बारिश के बाद इन दिनों झील बारिश के पानी से लबालब भरी हुई नजर आ रही है। लबालब भरी झील पर्यटकों के भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। किलवरी रोड से झील को निहारने के लिए पर्यटकों का जमावड़ा लग रहा है। पालिका प्रशासक एसडीएम केएन गोस्वामी ने बताया कि क्षेत्र में निरीक्षण कराकर झील की सफाई कराई जाएगी। साथ ही लोगों से झील के आसपास कूड़ा न फेंकने की अपील की जाएगी, ताकि झील साफ रहे और लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रहे।
बीते कई वर्षो से सूखाताल झील नही ले पाई थी अपना आकार
नैनीताल। इस बार मानसून के दौरान अच्छी बरसात होने के बाद नैनी झील के साथ ही नैनी झील के कैचमेंट सूखाताल ने भी अपना आकार ले लिया है। बीते कई वर्षों से नैनी झील के कैचमेंट सूखाताल सूखी ही जा रही थी। भरी बरसात में महज दो फिट ही पानी भरता था। सूखाताल का सूखा रह जाना गंभीर संकेत माना जा रहा था। शंका जताई जा रही है कि डूब क्षेत्र से पूर्व झील में पूर्व में जल निकासी के लिए बिछाये गये पाईपों से पानी का निकास किया गया जाता रहा। बता दें कि सूखाताल झील से लगे बारापत्थर स्नोव्यू व पालिटेक्निक की पहाड़ियां नैनी झील का जलागम क्षेत्र है। बरसात में इन क्षेत्रों के जल स्रोतों व बरसात के पानी से सूखाताल रिचार्ज होती है। भू वैज्ञानिकों के मुताबिक सूखाताल झील से पानी भूमिगत होकर नैनी झील को रिचार्ज करता है।