Connect with us

अंतरराष्ट्रीय

चीन में तांडव मचा रहा कोरोना, कहां हुई चूक, अपडेट देना किया बंद

चीन में तांडव मचा रहा कोरोना, कहां हुई चूक, अपडेट देना किया बंद
सीएन, नईदिल्ली।
चीन में इन दिनों कोरोना कोहराम मचा रहा है। सरकार ने डेली कोरोना अपडेट देना बंद कर दिया है लेकिन इंटरनैशनल न्यूज रिपोर्ट्स बता रहीं कि वहां हालात कितने डरावने हैं। अस्पताल कोरोना मरीजों से अटे-पड़े हैं। मुर्दाघरों में शवों को रखने की जगह नहीं बची है। अंतिम संस्कार के लिए लंबी वेटिंग है। आखिर चीन से कहां और क्या चूक हुई जो हालात उसके नियंत्रण से बाहर जाते दिख रहे? इसका जवाब छिपा है कोरोना के खिलाफ दुनिया की दो सबसे विशाल आबादी वाले देशों की रणनीति के फर्क में। भारत ने जो दो-ढाई साल पहले किया, चीन वही कदम अब उठा रहा। चीन की शी जिनपिंग सरकार पर कोरोना से जुड़े आंकड़ों को छिपाने के आरोप लग रहे हैं। वहां ओमीक्रोन के सब वैरिएंट बीएफ.7 कहर बनकर टूटा है। हालात कितने डराने वाले हैं इसका अंदाजा वहां के टॉप हेल्थ ऑफिशल्स के लीक नोट से समझा जा सकता है। ब्लूमबर्ग न्यूज और फाइनैंशनल टाइम्स ने पिछले हफ्ते लीक हुए आधिकारिक दस्तावेजों के हवाले से बताया कि दिसंबर महीने के शुरुआती 20 दिनों में ही चीन में कोरोना संक्रमण के करीब 25 करोड़ मामले सामने आए। इस हिसाब से चीन की 18 प्रतिशत आबादी तो एक महीने के भीतर ही कोरोना की चपेट में आ गई। 20 दिसंबर को एक ही दिन में कोरोना के 3.7 करोड़ नए मामले सामने आए। अब बात भारत और चीन की रणनीति में फर्क की। भारत में 2020 की शुरुआत में कोरोना ने जैसे ही दस्तक दी, इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर निगरानी बढ़ा दी गईं। मार्च आते-आते इंटरनैशनल फ्लाइट्स रोक दी गईं। 25 मार्च 2020 को देशभर में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन लगा दिया गया लेकिन उसकी मियाद बढ़ती चली गई। दफ्तर बंद, दुकानें बंद, फैक्ट्री बंद, बसे बंद, यात्री ट्रेनें बंद, उड़ाने बंद…कर्फ्यू जैसे हालात। अप्रैल में जब फिर से लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान हुआ तो दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों से प्रवासी मजदूरों के सामूहिक पलायन की बड़ी भयावह तस्वीरें सामने आईं। बड़े शहरों में रह रहे यूपी, बिहार जैसे राज्यों के प्रवासी मजदूरों का कारवां पैदल ही अपने गांवों के तरफ चल निकला। ऊपर आग उगलता सूरज, नीचे तपती धरती और सिर पर गठरी बांधे पैदल बढ़ते मजदूर। साथ में बच्चे भी, महिलाएं भी। जेब में अगर कुछ बचे-खुचे पैसे हो भीं तो कुछ खरीद नहीं सकते, न खाना और न ही पानी…क्योंकि सबकुछ तो बंद था। भूखे प्यासे प्रवासी मजदूर किसी तरह अपने घर पहुंचना चाहते थे। कुछ साइकिल से जा रहे तो कुछ ठेले पर परिवार को लादकर खींच रहा। कई ने रास्ते में दम तोड़ दिया। कहीं टैंकर के भीतर छिपकर जाते लोग हादसे में मारे गए तो कभी ट्रेन की पटरियों पर कटकर मर गए। बहुत भयावह मंजर थे। बवाल भी खूब हुआ। सियासत भी खूब हुई। लेकिन जून के साथ ही मोदी सरकार ने अनलॉक का दौर शुरू किया। 1 जून 2020 से सख्त पाबंदियों में चरणबद्ध तरीके से छूट का दौर शुरू हुआ। 2020 के आखिर तक चरणबद्ध तरीके से तबरीबन सभी पाबंदियां हटा ली गईं। तबतक भारत ने वैक्सीन भी तैयार कर ली। जनवरी 2021 में भारत में दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन प्रोग्राम का आगाज कर दिया। पहले कोरोना के खिलाफ जंग के फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीनेट किया गया। फिर उन्हें जिन्हें सबसे ज्यादा जोखिम था। धीरे-धीरे 12 साल से ऊपर के सभी शख्स के लिए वैक्सीनेशन खोल दिया गया। अप्रैल-मई 2021 में जब कोरोना की दूसरी और सबसे विकराल लहर आई तब देशव्यापी लॉकडाउन नहीं लगा। राज्यों को अपने-अपने यहां के हालात के हिसाब से पाबंदियों को लेकर फैसले की छूट दी गई। बाद में जब बहुत तेजी से फैलने वाले ओमीक्रोन वैरिएंट से तीसरी लहर आई तब हर दिन संक्रमण के 2-2,3-3 लाख केस आते रहे लेकिन लॉकडाउन जैसी सख्त पाबंदियां नहीं थीं। 2021 बीतते-बीतते भारत ने अपनी 70 प्रतिशत आबादी को वैक्सीनेट कर लिया। वैक्सीनेशन और संक्रमण की वजह से पैदा हुई नैचरल इम्यूनिटी से भारत एक तरह कोरोना के खिलाफ हर्ड इम्यूनिटी विकसित करने में कामयाब रहा। भारत की रणनीति कितनी कारगर और असरदार रही उसका अंदाजा आज चीन के डरावने हालात को देखकर लगाया जा सकता है।

Continue Reading
You may also like...

More in अंतरराष्ट्रीय

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING