अंतरराष्ट्रीय
चीन में शोधकर्ताओं ने कोरोना से 10 लाख लोगों की मौत की आशंका जताई
चीन में शोधकर्ताओं ने कोरोना से 10 लाख लोगों की मौत की आशंका जताई
सीएन, न्यूयार्क। चीन में जीरो-कोविड पॉलिसी में बदलाव के बाद शोधकर्ताओं ने कोरोना से 10 लाख लोगों की मौत की आशंका जताई है। इसकी वजह से दुनिया में एक नए वेरिएंट का लहर पैदा होने की भी आशंका जताई गई है। चीन के वुहान से कोरोना विस्फोट हुए पूरे तीन साल हो चुके हैं। चीन ने शुरुआत से ही कोविड संक्रमण के रोकथाम के लिए बहुत ही कठोर नीति अपनाए रखी थी। लेकिन, पिछले कुछ समय से चीन की डरी-सहमी जनता ने धीरे-धीरे अपनी आवाजें उठानी शुरू की हैं। उन्होंने बताया कि दुनिया ने कैसे कोविड के साथ जीने का तरीका सीखा है और वह संक्रमण रोकने के लिए अपने नागरिकों पर जुर्म नहीं करते। दुनिया भर के लोगों ने घरों में कैद रहना बंद कर दिया है। काफी बवाल के बाद चीन ने अचानक अपनी जीरो-कोविड नीति में ढील देनी शुरू की है। लेकिन, अब इसका जो परिणाम होने वाला है, वह बहुत ही भयानक होने की आशंका है। वैज्ञानिकों ने रिसर्च के आधार पर दावा किया है कि अगर अब चीन को खोलने में तेजी दिखाई गई तो 10 लाख लोगों तक की जान जाने का खतरा है। क्योंकि, चीन की सरकार ने अपनी जनता में कोविड के खिलाफ प्रतिरोधात्मक क्षमता एकदम ही विकसित नहीं होने दी है। अमेरिका स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन के नए अनुमानों के अनुसार, चीन के कड़े कोविड-19 प्रतिबंधों के परिणामस्वरूप 2023 तक देश में कोरोना वायरस संक्रमण विस्फोट हो सकता है और 1 लाख से अधिक मौतें हो सकती हैं। अनुमानों के अनुसार, चीन में 1 अप्रैल के आसपास कोविड-19 संक्रमण के मामले चरम पर होंगे, जब मौतें 322,000 तक पहुंच जाएंगी। आईएचएमई के निदेशक क्रिस्टोफर मरे ने कहा कि तब तक चीन की लगभग एक तिहाई आबादी संक्रमित हो चुकी होगी। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कोविड प्रतिबंधों को हटाने के बाद से किसी भी आधिकारिक कोविड मौतों की सूचना नहीं दी है। अंतिम आधिकारिक मौत 3 दिसंबर को दर्ज की गई थी। बीजिंग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक उसके यहां कोरोना महामारी से अब तक कुल 5,235 मौतें हुई हैं। चीन ने अभूतपूर्व सार्वजनिक विरोध के बाद दिसंबर में दुनिया के सबसे कठिन कोविड प्रतिबंधों को हटा लिया था और अब संक्रमण में वृद्धि का सामना कर रहा है, इस आशंका के साथ कि अगले महीने लूनर न्यू ईयर की छुट्टियों के दौरान 1.4 बिलियन आबादी में कोरोनावायरस संक्रमण फैल सकता है। शुक्रवार को जब आईएचएमई के अनुमान ऑनलाइन जारी किए गए, तो क्रिस्टोफर मरे ने कहा, ‘किसी ने नहीं सोचा था कि वे जीरो-कोविड पॉलिसी को लागू रखेंगे, जबतक की उन्होंने ऐसा कर नहीं दिया। चीन की शून्य-कोरोना नीति वायरस के पहले के वेरिएंट को काबू रखने में प्रभावी हो सकती है, लेकिन ओमिक्रॉन वेरिएंट की उच्च संप्रेषणीयता ने इसे लागू रखना असंभव बना दिया है।’इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन, सिएटल के वाशिंगटन विश्वविद्यालय में एक स्वतंत्र मॉडलिंग ग्रुप है, जिसके अनुमानों पर कोरोना महामारी के दौरान कई देशों की सरकारों और कंपनियों ने भरोसा किया। आईएचएमई ने हांगकांग में हाल ही में ओमिक्रॉन के प्रकोप से प्रांतीय डेटा और जानकारी प्राप्त की। मरे ने कहा, ‘चीन ने वुहान आउटब्रेक के बाद से बमुश्किल किसी कोविड मौत की सूचना दी है। इसलिए हमने संक्रमण की मृत्यु दर का अंदाजा लगाने के लिए हांगकांग की ओर देखा।’ अपने पूर्वानुमानों के लिए, आईएचएमई चीनी सरकार द्वारा प्रदान की गई टीकाकरण दरों की जानकारी के साथ-साथ यह अनुमान भी लगाता है कि संक्रमण दर बढ़ने पर विभिन्न प्रांत कैसे प्रतिक्रिया देंगे।