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स्वास्थ्य

आज है हीमोफीलिया दिवस : इस बीमारी को लेकर सावधान रहने की जरूरत

आज है हीमोफीलिया दिवस: इस बीमारी को लेकर सावधान रहने की जरूरत
सीएन, नैनीताल।
दुनियाभर में करोड़ों की तादाद में लोग अलग-अलग तरीकों की बीमारियों से जूझ रहे हैं। तमाम लोग खून से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। अगर हमारे खून में किसी तरह की समस्या पैदा हो जाए तो यह गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है। कई मामलों में यह समस्याएं जानलेवा साबित हो सकती हैं। खून से जुड़ी बीमारियों में से एक हीमोफीलिया है जो हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करती है। हर साल 17 अप्रैल को मनाया जाता है। 17 अप्रैल को वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया के संस्थापक फ्रैंक श्नाबेल का जन्म हुआ था। यह दिन हीमोफीलिया और अन्य रक्तस्राव विकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। इस समस्या का अगर सही समय पर इलाज न कराया जाए, तो यह जानलेवा साबित हो सकती है। हीमोफीलिया के बारे में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 17 अप्रैल को ष्विश्व हीमोफीलिया दिवसष् मनाया जाता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की रिपोर्ट के मुताबिक हीमोफीलिया एक रेयर ब्लड डिसऑर्डर होता है जिसकी वजह से खून सही तरीके से नहीं जम पाता। खून में थक्के बनाने वाली प्रोटीन न होने की वजह से ऐसा होता है। इस बीमारी से जूझ रहे लोगों को अगर चोट लग जाए तो बहुत ज्यादा खून बह सकता है। इस डिसऑर्डर की वजह से शरीर के अंदर ब्लीडिंग हो सकती है। हीमोफीलिया से घुटनों, टखनों और कोहनी में ब्लीडिंग हो सकती है। इंटरनल ब्लीडिंग आपके शरीर के अंगों और ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकती है और जीवन को खतरे में डाल सकती है। इसलिए इस बीमारी को लेकर सावधान रहने की जरूरत होती है। हीमोफीलिया एक जेनेटिक डिसऑर्डर होता है। यह आनुवांशिक कारणों से होता है और आमतौर पर मिडिल एज और बुजुर्ग लोगोंं को प्रभावित करता है। जीन में म्यूटेशन या बदलाव होने की वजह से खून के थक्कों के लिए जरूरी प्रोटीन नहीं मिल पाती और हीमोफीलिया की परेशानी हो जाती है। अगर किसी व्यक्ति की हीमोफीलिया की फैमिली हिस्ट्री है, तो उसे यह परेशानी होने का खतरा ज्यादा होता है। समय-समय पर स्क्रीनिंग के जरिए इसका पता लगाकर इलाज कराया जाए तो इसे काफी हद तक कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।

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