विधि
उत्तराखंड हाईकोर्ट जस्टिस गुहानाथन नरेंद्र होंगे मुख्य न्यायाधीश, केंद्र ने जारी की अधिसूचना
उत्तराखंड हाईकोर्ट जस्टिस गुहानाथन नरेंद्र होंगे मुख्य न्यायाधीश, केंद्र ने जारी की अधिसूचना
सीएन, नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट को नया स्थायी मुख्य न्यायाधीश मिल गया है। आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश गुहानाथन नरेंद्र को इस पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। राष्ट्रपति की सहमति के बाद केंद्र सरकार की ओर से 23 दिसंबर को जारी आदेश में यह नियुक्ति की गई। मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी के सेवानिवृत्त होने के बाद से यह पद खाली था और कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी इस पद पर सेवाएं दे रहे थे। केंद्र सरकार के जॉइंट सेक्रेटरी जगन्नाथ श्रीनिवासन और अंडर सेक्रेटरी प्रेमचंद द्वारा हस्ताक्षरित पत्र के अनुसार न्यायमूर्ति गुहानाथन नरेंद्र जल्द ही उत्तराखंड हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार संभालेंगे। इस संबंध में भारत सरकार के लॉ एंड जस्टिस विभाग द्वारा जारी पत्र की प्रति संबंधित अधिकारियों, राज्यों के मुख्य सचिवों, मुख्यमंत्री सचिवालयों, सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार और अन्य संबंधित विभागों को भेजी गई है। यह नियुक्ति न्यायपालिका की मजबूती और उत्तराखंड हाईकोर्ट की न्यायिक प्रक्रिया में नए आयाम जोड़ने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है। न्यायमूर्ति गुहानाथन नरेंद्र का न्यायिक क्षेत्र में लंबा और समृद्ध अनुभव रहा है। इससे पहले वह आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे जहां उन्होंने न्यायपालिका में अपने कड़े फैसलों और निष्पक्षता के लिए पहचान बनाई। उनकी नियुक्ति को उत्तराखंड के न्यायिक क्षेत्र के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है। मुख्य न्यायाधीश का पद किसी भी हाईकोर्ट के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। यह पद न केवल न्यायालय के प्रशासनिक कार्यों को संभालता है बल्कि जटिल मामलों में अंतिम निर्णय लेने में भी अहम भूमिका निभाता है। स्थायी मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति से उत्तराखंड हाईकोर्ट की कार्यक्षमता और पारदर्शिता में और सुधार की उम्मीद है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी ने उत्तराखंड हाई कोर्ट को सुचारू रूप से संचालित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी कार्यशैली और नेतृत्व की सराहना की गई है। न्यायमूर्ति गुहानाथन नरेंद्र की नियुक्ति से राज्य में न्यायिक प्रणाली को और मजबूत करने की उम्मीद जताई जा रही है। राज्य के नागरिक इस बदलाव को न्यायपालिका की कार्यक्षमता और पारदर्शिता को बढ़ाने के रूप में देख रहे हैं।
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