राजनीति
मोदी सरकार के 8 साल, वो आठ नारे, जिन्होंने पीएम मोदी की छवि को गढ़ा
मोदी सरकार के 8 साल, वो आठ नारे, जिन्होंने पीएम मोदी की छवि को गढ़ा
सीएन, नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार को आज 8 साल पूरे हो चुके हैं. आज ही के दिन नरेंद्र मोदी पहली बाद एक सांसद के तौर पर संसद भवन पहुंचे थे और उन्होंने लोकतंत्र के इस सबसे बड़े मंदिर की सीढ़ियों पर माथा टेका था. वह ऐसे पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने, जिनकी पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार में आई. इतने वर्षों 8 ऐसे नारे हैं जिन्होंने पीएम मोदी की छवि को गढ़ा है.
अच्छे दिन आने वाले हैं
साल 2014 के आम चुनाव में भाजपा ने तत्कालीन यूपीए2 सरकार के कथित भ्रष्टाचार, महंगाई और नाकामियों को जनता तक बखूबी पहुंचाया और जनता से चुनाव के बाद भ्रष्टाचार और महंगाई से मुक्ति दिलाने का वादा करते हुए अच्छे दिन आने वाले हैं का नारा दिया. जनता ने भाजपा के इस नारे को हाथोंहाथ लिया और भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई.
अबकी बार, मोदी सरकार
2014 में चुनाव की घोषणा हुई और भाजपा ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया. साल 2014 में भाजपा के चुनावी कैंपेन का केंद्र नरेंद्र मोदी ही रहे. इस दौरान भाजपा ने अबकी बार मोदी सरकार का नारा दिया.
हर-हर मोदी, घर-घर मोदी
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी वाराणसी से चुनावी मैदान में थे. इस दौरान उन्होंने गंगा में डुबकी लगाई और कहा, न मुझे किसी ने यहां भेजा है, न मैं आया हूं, मां गंगा ने मुझे बुलाया है. इस दौरान वह काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा करते हुए भी दिखे. इसी दौरान चुनाव प्रचार में उनके समर्थन में हरहर मोदी, घरघर मोदी के नारे लगे.
मेक इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड
नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद दुनियाभर की कंपनियों को भारत आने का न्यौता दिया और कहा कि वे यहां आकर अपने उत्पाद बनाकर दुनिया के बाजार में बेचें. केंद्र सरकार ने इसके लिए एक खास रणनीति तैयार की और मेक इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड का नारा दिया.
सबका साथ, सबका विकास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी विकास योजनाओं को आगे बढ़ाते हुए सबका साथ, सबका विश्वास का नारा दिया. इसमें समस्त समाज के विकास को प्राथमिकता दी गई. बाद के दौर में इस नारे में संसोधन करके इसमें सबका विश्वास और सबका प्रयास भी जोड़े गए.
मैं भी चौकीदार हूं
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब कहा कि वह देश के चौकीदार हैं और किसी को देश के संसाधनों की चोरी नहीं करने देंगे तो उनके समर्थकों ने इसे नारा बना दिया. लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मैं भी चौकीदार कैंपेन लगाया जो खासा हिट रहा.
जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं
साल 20202021 में जब कोरोना देशभर में कहर ढा रहा था, जब हजारोंलाखों लोगों की कोविड19 के कारण जान जा रही थी. ऐसे वक्त में पीएम मोदी ने दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी जैसे नारे दिए. उन्होंने जनता को कोविड19 से जुड़े नियमों का कड़ाई से पालन करने का आह्वान करते हुए एक और नारा दिया, जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं.
वोकल फॉर लोकल
कोरोना काल में जब अर्थव्यवस्था पर लगातार दबाव पड़ रहा था और देश मंदी की ओर जा रहा था, ऐसे वक्त में पीएम मोदी ने वोकल फॉर लोकल का नारा दिया. इस नारे के जरिए उन्होंने कहा, आज जो बड़ेबड़े ब्रांड हैं, वो भी कभी स्टार्टअप रहे होंगे, उनके देशों में लोगों ने उन्हें खरीदा और फिर धीरेधीरे वह ग्लोबल ब्रांड बन गए. आज हमें अपने स्थानीय उत्पादों के लिए खड़े होना चाहिए. दीपावली के अवसर पर उन्होंने मिट्टी के दीये खरीदने का भी आह्वान किया.