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देवघर में बड़ा हादसा : रेस्‍क्‍यू के दौरान ट्रॉली से गिरी एक और महिला

झारखंड हाई कोर्ट ने रोपवे हादसे पर स्वतः संज्ञान लिया, सरकार से मांगा जवाब
सीएन, देवघर।
झारखंड के देवघर में हुए रोपवे हादसे में अभी भी 6 लोग फंसे हुए हैं। मंगलवार की सुबह होते ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ ऑपरेशन जारी है। अबतक दुर्घटना स्थल से 41 लोगों को रेस्क्यू करके बचाया गया है. वहीं 3 लोगों की इस हादसे में मौत हो गई है। इस बीच त्रिकुटा की पहाड़ी पर हो रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एक महिला नीचे गिर गई है। आपको बता दें कि सैलानियों को रेस्क्यू करने के दौरान एयरफोर्स का एक जवान जो ट्रॉली में फंस गया था उसे भी बचा लिया गया है। बता दें कि सोमवार की शाम को जब रेस्क्यू ऑपरेशन रोका गया तब 20 नंबर ट्रॉली में 5 लोगों के साथ एक बच्चा, 19 नंबर ट्रॉली में 2 लोग, 7 नंबर ट्रॉली में भी 2 लोग और 6 नंबर ट्रॉली में 5 लोग फंसे थे। देवघर जिला के मोहनपुर थाना क्षेत्र के त्रिकुट पहाड़ पर हुए रोपवे हादसे के बाद ट्रॉलियों में लटके 48 में से कुल 40 लोगों को रेस्क्यू करके बचाया गया। वायु सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें संयुक्त रूप से रेस्क्यू अभियान में लगी हैं। बता दें कि सोमवार देर शाम तक सेना के जवान हेलीकॉप्टर से रस्सियों के सहारे लटककर ट्रॉलियों से एक-एक कर लोगों को निकालने में जुटे थे। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने देवघर में रोपवे हादसे पर स्वतः संज्ञान लिया है। अदालत ने झारखंड सरकार से पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने मीडिया में आई खबरों पर स्वतः संज्ञान लिया है। अदालत ने कहा कि वर्ष 2009 में इस तरह की गड़बड़ी हुई थी। लेकिन उससे सबक नहीं लिया गया और दोबारा घटना हुई है। कोर्ट ने इस मामले की जांच रिपोर्ट 25 अप्रैल तक अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है। इस दौरान झारखंड सरकार की ओर महाधिवक्ता ने कहा कि मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए है। बचाव एवं राहत कार्य जोरों पर है। अब कुछ लोग ही फंसे हैं जिन्हें निकाला जा रहा है। दरअसल, रविवार को देवघर में रोप-वे का सैप (पुल्ली) टूट जाने से हादसा हुआ था। इसी पुल्ली के सहारे तार पर केबिन सरकते हैं। इसके टूटने से दो केबिन आपस में टकरा गए। बता दें कि घटनास्थल पर मौजूद कई लोगों का कहना था कि रोप-वे का रखरखाव यदि ठीक होता तो यह हादसा नहीं होता। समय-समय पर रोप-वे की जांच होनी चाहिए। जिस रोपवे से इंसान जाते हैं, उसका सैप टूटना बताता है कि कहीं न कहीं खामी है। उसमें कोई न कोई कमी रही होगी, तभी वह टूटा। उसकी समय पर जांच होती तो कमी पकड़ में आ जाती।

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