राजनीति
राजस्थान सियासी महाभारत : पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का भी दर्द छलका
राजस्थान सियासी महाभारत : पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का भी दर्द छलका
सीएन, जयपुर। राजस्थान में चल रहे सियासी महाभारत का शोर थमता नजर नहीं आ रहा है. एक तरफ जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार देर रात सोनिया गांधी से फोन पर बात की है. वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का भी दर्द छलका है. पायलट ने कहा कि उन्हें आखिर कितनी बार अपमान झेलना होगा. उन्होंने सोनिया गांधी से बात कर अपना पक्ष रखा जबकि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से 14 बार फोन पर चर्चा की. बताया जा रहा है कि पायलट को राहुल-प्रियंका की तरफ से ‘बड़ा भरोसा’ दिया गया है. पहले आपको बताते हैं कि सोनिया गांधी और अशोक गहलोत के बीच क्या बात हुई. कांग्रेस हाईकमान वैसे ही राजस्थान में गहलोत गुट से नाराज चल रहा है. ऐसे में गहलोत ने सोनिया से फोन पर बात कर अपना पक्ष रखा है. उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी के खिलाफ कोई भी बयान नहीं दिया है और मुझे आपका हर फैसला मंजूर है. दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई. सूत्रों के मुताबिक, आज या कल दोनों के बीच मुलाकात हो सकती है. मुलाकात के बाद बात बन गई तो गहलोत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भी भर सकते हैं. वहीं मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम के बीच युवा नेता सचिन पायलट का दर्द पार्टी हाईकमान के सामने छलक उठा, जिसके बाद प्रियंका और राहुल की तरफ से उनको भरोसा दिया गया.राहुल-प्रियंका से सचिन पायलट ने 14 बात फोन पर बात की और अपना पक्ष रखा. सूत्रों के मुताबिक सचिन ने कहा कि कब तक मुझे ऐसी जलालत झेलनी पड़ेगी. बताया जा रहा है कि राहुल और प्रियंका गांधी ने पायलट से कहा कि अगर उनको सरकार की कमान नहीं मिल पाई तो प्रदेश की दोबारा कमान सौंपी जाएगी. राजस्थान कांग्रेस का सियासी घमासान इतना तेज हो गया है कि अब कांग्रेस आलाकमान सख्ती के मूड में दिख रहा है. गहलोत खेमे के विधायकों के बगावती तेवर को देखते हुए जयपुर गए दोनों पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन आज दोपहर 12 बजे तक सोनिया गांधी को रिपोर्ट देंगे. वहीं, अशोक गहलोत के समर्थक विधायक अब खुलकर अपनी बात रख रहे हैं. इनका सवाल है कि कांग्रेस से गद्दारी करने वाले को पुरस्कार कैसे दिया जा सकता है? निशाने पर सीधे-सीधे अजय माकन हैं जबकि विरोध सचिन पायलट का है. ऐसा नहीं है कि पायलट समर्थक खामोश हैं. राजस्थान सरकार के ही एक मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने शांति धारीवाल और महेश जोशी को आईना दिखाने की कोशिश की है.गुढ़ा ने कहा कि कांग्रेस का टिकट नहीं होता और गांधी नेहरू परिवार का नाम नहीं होता तो ये सरपंच का चुनाव भी नहीं जीत पाते.