राजनीति
18 जुलाई को होगा राष्ट्रपति का चुनाव, 21 जुलाई को आएगा परिणाम
लगभग यह तय है कि राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा समर्थित ही विजयी होगा उम्मीदवार
सीएन, नईदिल्ली। चुनाव आयोग ने गुरुवार को राष्ट्रपति चुनाव की तारीख का एलान कर दिया। आयोग के मुताबिक, देश के सर्वोच्च पद के लिए होने वाले चुनाव के लिए अधिसूचना 15 जून को जारी की जाएगी। नामांकन की आखिरी तारीख 29 जून तय की गई है। नामांकन पत्रों की जांच 30 जून को निर्धारित की गई है। उम्मीदवार अपना नामांकन दो जुलाई तक वापस ले सकेंगे। वहीं, राष्ट्रपति का चुनाव 18 जुलाई को होगा, जिसके नतीजे तीन दिन बाद यानी 21 जुलाई को आएंगे। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नए राष्ट्रपति को 25 जुलाई को शपथ दिलाएंगे। हर 5 साल पर 25 जुलाई को देश को नया राष्ट्रति मिलता है। यह सिलसिला 1977 से चला आ रहा है। तत्कालीन राष्ट्रपति फकरुद्दीन अली अहमद का कार्यकाल के दौरान फरवरी 1977 में निधन हो गया था। उप राष्ट्रपति बीडी जत्ती को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया। नए राष्ट्रपति की चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद नीलम संजीव रेड्डी ने 25 जुलाई 1977 को प्रेसिडेंट पद की शपथ ली। इसके बाद से ही हर 5 साल पर 25 जुलाई को भारत के नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण होता आ रहा है। पिछली बार 17 जुलाई, 2017 को राष्ट्रपति चुनाव हुआ था और 20 जुलाई को परिणाम आया था। गौरतलब है, राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में लोकसभा (543) व राज्यसभा (233) के 776 निर्वाचित सांसदों के अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली व पुदुचेरी के विधायक शामिल होते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में कुल 4,809 मतदाता मतदान करेंगे। चुनाव में मतदान के लिए कोई भी राजनीतिक दल अपने सदस्यों को व्हिप जारी नहीं कर सकता है। राष्ट्रपति चुनाव में संसद के दोनों सदनों (राज्य सभा और लोकसभा) के सदस्यों के अलावा सभी राज्य के विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और संघ शासित प्रदेश पुडुचेरी के विधायक वोट डालते हैं। मनोनीत सदस्यों को राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने का अधिकार नहीं है। इस बार कांग्रेस नीत यूपीए के 23 प्रतिशत वोट व भाजपानीत एनडीए के 49 प्रतिशत वोट राष्ट्रपति चुनाव का फैसला करेंगे। लगभग यह तय है कि राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा समर्थित उम्मीदवार ही विजयी होगा।