उधम सिंह नगर
40 साल से गुलजार रहा बाजार साढ़े चार घंटे में ही ध्वस्त, हजारों लोग हुए बेरोजगार
सीएन, रुद्रपुर। यहां एनएच-87 किनारे 40 साल से गुलजार रहा बाजार साढ़े चार घंटे में ही ध्वस्त कर दिया गया। पुलिस प्रशासन, नगर निगम और एनएचआई की टीम ने आठ जेसीबी और पोकलैंड की मदद से 130 दुुकानों को ध्वस्त तो किया ही, बचा हुआ कबाड़ भी जब्त कर लिया। प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से पहले बृहस्पतिवार रात इलाके में धारा 144 लगा दी थी। कार्रवाई के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। शुक्रवार की सुबह सात बजे से ही एनएच-87 पर डीडी चौक से इंदिरा चौक तक भारी पुलिस बल तैनात हो गया। प्रशासन ने हाईवे से 22 मीटर की जद में आने वालीं दुकानों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करते हुए सबसे पहले राम मनोहर लोहिया मार्केट स्थित डीडी चौक से जनरल स्टोर, खाने के ढाबों को ध्वस्त किया। फिर बाइक रिपेयरिंग, कपड़ों की दुकान से लेकर मोबाइल की दुकानों तक जेसीबी चली। मुख्य बाजार के चौराहे के पास एसएसपी मंजूनाथ टीसी की मौजूदगी में एनएचएआई की टीम ने नापजोख की। गोल मार्केट के चौराहे पर अतिक्रमण ध्वस्त करने के दौरान मौके पर पहुंचे कुछ लोगों ने चार दुकानों को फ्रीहोल्ड कराने की बात कहकर एसडीएम प्रत्यूष सिंह से नोकझोंक की। कुछ देर अतिक्रमण रुकने के बाद दुकानों के कागजों के साथ ही ऑनलाइन जांच की गई लेकिन ऐसा कुछ सामने नहीं आया। इसके बाद जिला प्रशासन की टीम ने चारों दुकानों पर जेसीबी चला दी। कुछ लोगों ने दुकानें न तोड़ने की एसडीएम से गुहार लगाई, लेकिन अतिक्रमणकारियों की कोई गुहार काम नहीं आई। कार्रवाई की आशंका से व्यापारियों ने बृहस्पतिवार रात ही दुकानों से सामान समेट लिया था। सुबह टिनशेड की दुकानें टूटने पर दोपहर बाद व्यापारियों ने अपना बचा-खुचा सामान इकट्ठा किया। व्यापारी आसपास खड़े होकर अपनी टूटीं दुकानों को एकटक देखते रहे। एक महिला अपनी दुकान को टूटते देख सुबकने लगी तो महिला पुलिसकर्मियों ने उनको जीरो जोन से बाहर कर दिया। प्रशासन की कार्रवाई पूरी होने के बाद सड़क से ही गांधी पार्क का नजारा साफ दिखाई देने लगा राम मनोहर लोहिया मार्केट के साथ ही मछली बाजार तक दुकानें टूटने से व्यापारियों की रोजी-रोटी के साथ ही करीब एक हजार लोगों का रोजगार छिन गया। ये लोग हाईवे किनारे बने ढाबों, रेस्टोरेंट, कपड़ों की दुकानों, वाहन रिपेयरिंग की दुकानों और मोबाइल की दुकानों पर काम करते थे।