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सांसद महुआ हटने को तैयार नहीं, कहा-मैं ऐसे भारत में नहीं रहना चाहती जहां हावी हो ब्राह्मणवादी सोच
सांसद महुआ पीछे हटने को तैयार नहीं, कहा-मैं ऐसे भारत में नहीं रहना चाहती जहां हावी हो ब्राह्मणवादी सोच
सीएन, नईदिल्ली। काली फिल्म को लेकर तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के बयान के खिलाफ कानपुर समेत यूपी, मध्य प्रदेश व बंगाल के कई शहरों में एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। बिगड़े बोल पर सियासी घमासान के बीच भाजपा ने मोइत्रा की गिरफ्तारी की मांग की है। इस बीच, सांसद महुआ मोइत्रा पीछे हटने को तैयार नहीं है। कहा-मैं ऐसे भारत में नहीं रहना चाहती जहां पितृसत्तात्मक ब्राह्मणवादी सोच हावी हो। कनाडा में आगा खान म्यूजियम ने फिल्म का विवादित पोस्टर हटाते हुए हिंदू समुदाय से माफी मांगी है। काली फिल्म को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। एक तरफ टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा अपने बयान से पीछे हटने का नाम नहीं ले रही हैं तो भाजपा व अन्य हिंदू संगठन उनका लगातार विरोध कर रहे हैं। इस बीच महुआ मोइत्रा ने एक और ट्वीट करके इस आग को और हवा दे दी है। महुआ ने कहा- ‘तुम अपनी एफआईआर दर्ज कर लो, कोर्ट में मिलूंगी।’ महुआ ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं ऐसे भारत में नहीं रहना चाहती, जहां भाजपा की पितृसत्तात्मक ब्राह्मणवादी सोच हावी हो और सभी धर्म के आस-पास घूमते रहें। मैं मरते दम तक अपने बयान पर कायम रहूंगी। तुम अपनी एफआईआर दर्ज कर लो, कोर्ट में मिलूंगी।’ मोइत्रा ने मंगलवार को कहा था कि काली के कई रूप हैं। मेरे लिए काली का मतलब मांस और शराब स्वीकार करने वाली देवी है। उन्होंने, ‘यह आप पर निर्भर करता है कि आप अपने भगवान को कैसे देखते हैं। अगर आप भूटान और सिक्किम जाएं तो वहां पूजा में भगवान को व्हिस्की चढ़ाई जाती है। वहीं, आप उत्तर प्रदेश में किसी को प्रसाद में व्हिस्की दे दो तो उसकी भावना आहत हो सकती है। मेरे लिए देवी काली एक मांस खाने वाली और शराब पीने वाली देवी के रूप में है। देवी काली के कई रूप हैं।’ महुआ के बयान से उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने पूरी तरह किनारा कर लिया है। साथ ही बयान की निंदा भी की है। हालांकि, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने महुआ का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है, महुआ मोइत्रा पर हो रहे हमलों ने मुझे हैरान कर दिया है। ये हमले उस वजह से हो रहे हैं, जो हर हिंदू जानता है। हिंदू जानते हैं कि देश में हर जगह पूजा करने का तरीका अलग-अलग है। देवी पर कोई क्या चढ़ाता है, यह वह भक्त ही जानता है। उन्होंने आगे कहा, हम ऐसी स्थिति में पहुंच चुके हैं, अगर हम सार्वजनिक मंच पर किसी के बारे में कुछ कहेंगे तो किसी न किसी की भावना आहत ही होगी। हालांकि, यह तय है कि महुआ ने किसी को अपमानित करने की भावना से ऐसा नहीं कहा था। उन्होंने आगे कहा, मैं सबसे अपील करता हूं कि माहौल को ठंडा रखें। धर्म को कोई किस प्रकार मानता है, यह भक्त पर ही छोड़ दें।