उत्तराखण्ड
मुख्य सचिव भी मातहत अधिकारियों पर नकेल डालने में नाकाम : मोर्चा
शिकायती पत्र व मांग पत्रों पर कार्रवाई तो दूर, विभागों में पत्र ढूंढे नहीं मिलते
सीएन, विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश की जनता का इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि उनके शिकायती पत्र व मांग पत्रों पर कार्रवाई तो दूर, विभागों में पत्र ढूंढे नहीं मिलते। कई बार व्यक्तिगत प्रयास से एवं खोजबीन करने के बाद पत्र मिलता है, तो तब जाकर कहीं कार्रवाई शुरू होती है। इसके अतिरिक्त कार्यालयों में अधिकारियों की गैर हाजिरी लेटलतीफी भी जनता की परेशानियों में इजाफा करने का काम करती हैं। नेगी ने कहा कि मुख्य सचिव मातहत अधिकारियों की नकेल कसने में नाकाम साबित हो रहे हैं। अधिकारियों में खौफ लगभग समाप्त हो चुका है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शासन द्वारा शासन को संदर्भित पत्र पटल पर पड़े-पड़े दम तोड़ रहे हैं तथा जब पीड़ित पक्ष अपने पत्रों की व्यक्तिगत रूप से खोजबीन करता है तब जाकर पत्रावली मूवमेंट करती है। कमोवेश यही हाल विभागीय अधिकारियों का है, जो शासन के पत्रों पर कार्रवाई तो दूर, उनको खोजने की जहमत तक नहीं उठाते। कई मामलों में विभागीय अधिकारी 2-2 साल बीत जाने पर भी आख्या तक उपलब्ध नहीं कराते। कई बार शासन इतना लाचार हो जाता है कि अनुस्मारक पर अनुस्मारक भेजने के बाद भी जवाब नहीं मिलता। नेगी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अगर ऐसा ही होता रहा तो जनता को न्याय कैसे मिलेगा। मोर्चा ने मुख्य सचिव से एसी में बैठने के बजाए धरातल पर व्यवस्थाएं परखने को चेताया।