जन मुद्दे
ज़मीन के नीचे उठती आवाज़ों से सन्नाटे में शहर, 1993 को याद कर सहमे लोग
ज़मीन के नीचे उठती आवाज़ों से सन्नाटे में शहर, 1993 को याद कर सहमे लोग
सीएन, मुबई। महाराष्ट्र के लातूर शहर में जमीन के भीतर कुछ रहस्यमयी आवाजें सुनाई देने से हड़कंप मच गया। जिससे लोगों में डर का माहौल है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि किसी भूकंपीय एक्टिविटी की कोई रिपोर्ट नहीं है। जमीन के भीतर रहस्यमयी आवाजें बुधवार को शहर के विवेकानंद चौक इलाके में सुबह करीब साढ़े दस बजे से लेकर पौने ग्यारह बजे तक सुनाई दी। लोगों को लगा कि यह भूकंपीय गतिविधियों की आवाज हो सकती है और भूकंप आ सकता है। इसके बाद जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट कर दिया। जिला प्रशासन ने लातूर शहर के साथ ही औराद शहाजनी और आशिव जिलों में भी भूकंपीय गतिविधियों पर नजर रखने वाले केंद्रों से जानकारी ली गई लेकिन कहीं से भी भूकंप आने की आशंका जाहिर नहीं की गई। बता दें कि लातूर के किल्लारी गांव और इसके आसपास के इलाकों में साल 1993 में भूकंप आया था, जिसमें करीब 10 हजार लोगों की जान चली गई थी। 6.2 मैग्नीट्यूड के भूकंप से इलाके के 10 गांव तबाह हो गए थे, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की जान गई थी। आपदा प्रबंधन अधिकारी साकेब उस्मानी ने बताया कि मराठवाड़ा क्षेत्र में समय-समय पर जमीन के भीतर रहस्यमयी आवाजें आती रहती हैं। सितंबर 2022 में भी किल्लारी और हासोरी गांव में ऐसी ही आवाजें सुनी गईं थी। जिसके बाद इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ जियो मैग्नेटिज्म के विशेषज्ञों ने भी गांवों का दौरा किया था। हाल ही में चार फरवरी को भी जिले की निलांगा तहसील में नितूर दांगवाड़ी इलाके में ऐसी ही रहस्यमयी आवाजें सुनी गईं थी। खास बात ये है कि लातूर शहर किसी अर्थ प्लेट की सीमा पर स्थित नहीं है। ऐसे में यहां से आने वाली आवाजों को लेकर वैज्ञानिक भी स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कह पाते हैं।