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हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत, जाने क्या हैं नियम
सीएन, नई दिल्ली। स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने पर हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत आज से हो रही है. 13 से 15 अगस्त तक यह अभियान चलाया जाएगा. ऐसे में भारतीय ध्वज तिरंगा के उपयोग और फहराने से संबंधित भारतीय ध्वज संहिता के तहत नियमों को जानना जरूरी है. तिरंगे का उपयोग और प्रदर्शन राष्ट्रीय गौरव का अपमान निवारण अधिनियम 1971 और भारतीय ध्वज संहिता 2002 के द्वारा नियंत्रित होता है.भारतीय ध्वज संहिता को 26 जनवरी, 2002 को संशोधित किया गया था और नागरिकों को न केवल राष्ट्रीय दिवसों पर बल्कि किसी भी दिन अपने घरों, कार्यालयों और कारखानों पर तिरंगा फहराने की अनुमति दी गई थी. नागरिकों को कानून के आधार पर राष्ट्रीय ध्वज को कैसे फहराना है, इसके बारे में नियमों और विनियमों का पालन करना होगा. झंडा हमेशा आयताकार होना चाहिए, लंबाई और ऊंचाई का अनुपात 3ः2 होना चाहिए. झंडा किसी भी आकार का हो सकता है, जब तक वह इस अनुपात में है. 20 दिसंबर 2021 को एक आदेश के माध्यम से ध्वज संहिता में संशोधन किया गया था. अब पॉलिस्टर से बने मशीन-बुने हुए झंडों के उपयोग की अनुमति भी है. पहले हाथ से काता और हाथ से बुने हुए ऊन, कपास, रेशम, खादी इत्यादि के कपड़े उपयोग होते थे. झंडा फहराने पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है. यह आम लोगों, निजी संस्थान, शैक्षणिक संस्थान या अन्य के द्वारा फहराया जा सकता है. यह झंडे का सम्मान करते हुए किसी भी दिन, किसी भी समारोह में फहराया जा सकता है. पहले यह अनिवार्य था कि यदि झंडा खुले में फहराया जाता है, तो उसे सूर्याेदय से सूर्यास्त तक फहराया जाना चाहिए. हालाँकि जुलाई 2022 में इसमें संशोधन किया गया ताकि लोग दिन-रात अपने घर पर झंडे लगा सकें. झंडा किसी भी गाड़ी में नहीं लगाया जाना चाहिए. कुछ विशिष्ट लोगों के वाहनों को छोड़कर किसी भी गाड़ी में झंडा नहीं लगाया जा सकता है. सिर्फ राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, राज्यपाल, उपराज्यपाल, राज्यमंत्री, लोकसभा स्पीकर, राज्यसभा के उप सभापति, भारत के मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश, हाईकोर्ट के जज की गाड़ियों पर लगाया जा सकता है. राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान देते हुए रखा जाना चाहिए. जब किसी अन्य झंडे के साथ फहरा रहे हों, यह ध्यान रखना चाहिए कि तिरंगी की ऊंचाई सबसे ऊपर हो. झंडे को फहराते हुए केसरिया रंग हमेशा ऊपर रखना चाहिए, वर्टिकली फहराने पर केसरिया रंग झंडे के संदर्भ में दाहिनी तरफ होनी चाहिए. फटे हुए झंडे को कभी नहीं फहराया जाना चाहिए. राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी भी पोशाक या वर्दी या किसी पहनावे के रूप में नहीं किया जाएगा. राष्ट्रीय ध्वज को जमीन, फर्श, पानी पर नहीं रखा जाएगा और फहराते समय इन चीजों को स्पर्श नहीं करना चाहिए. इसका उपयोग कोई वस्तु या किसी को भी लपेटने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.