जन मुद्दे
कुविवि के दीक्षांत समारोह 2022 की तैयारी का कुलपति ने लिया जायजा, पूर्वाभ्यास करवाया
सीएन, नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के कल 27 मई को आयोजित दीक्षांत समारोह 2022 की तैयारी में आज प्रो. एनके जोशी, कुलपति कुमाऊं विश्वविद्यालय तथा दिनेश चंद्र कुलसचिव कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल ने निरीक्षण किया। आज विभिन्न समितियों ने प्रातः 8 बजे से ही तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए एएन सिंह हाल में कार्य प्रारंभ किया। कुलपति प्रो.जोशी ने एक दिन पूर्व पूर्वाभ्यास करवाया, जिसमें कला संकायाध्यक्ष प्रो. आरके पांडे, संकयाध्यक्ष वाणिज्य प्रो.अतुल जोशी, संकायाध्यक्ष विज्ञान प्रो. एबी मेलकानी, संकायाध्यक्ष कला प्रो. पीसी कविदयाल, फाइन आर्ट संकायाध्यक्ष प्रो. एमएस मावडी के साथ साथ शोभा यात्रा में प्रो. सूची बिष्ट, प्रो. एलके सिंह, प्रो.अमित जोशी, प्रो.रमेश चंद्र, प्रो. चित्रा पांडे, प्रो.कल्पना अग्रहरी, प्रो.ज्योति जोशी, प्रो.प्रदीप गोस्वामी, प्रो.रमेश चंद्र, प्रो.अर्चना श्रीवास्तव इत्यादि शामिल रहे। दीक्षांत 2022 का प्रातः 10 बजे से यूट्यूब, फेसबुक तथा विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। कार्यक्रम को अंतिम रुप देने में प्रो. एलएम जोशी निदेशक डीएसबी परिसर, नैनीताल, प्रो. ललित तिवारी, प्रो. एलएस लोधियाल, उपकुलसचिव श्री डिमरी, प्रो. गिरीश रंजन प्रो. युगल जोशी, डॉ.विजय कुमार, डॉ.सुषमा टम्टा, डॉ.नीलू लोधियाल, डॉ.रीतेश साह, डॉ.अशोक कुमार (टूरिज्म) डॉ.अशोक कुमार (संगीत) डॉ. गगन होठी, डॉ. पैनी जोशी, डीएस नेगी, डॉ.हिमानी जलाल, डॉ.निधि वर्मा, डॉ. पूरन अधिकारी, डॉ.कुबेर गिनती, डॉ.नंदन बिष्ट, डॉ.नंदन मेहरा, डॉ. मैत्री नारायण, डॉ. बिजेंद्र, डॉ.नवीन पांडे , श्री संजय पंत, श्री अतुल कुमार, श्री नंदबल्लभ पालीवाल, श्री रमेश पंत तथा श्री सुरेश चंद इत्यादि इत्यादि रहें । एएएन सिंह हाल का नाम राजकीय महाविद्यालय नैनीताल के प्रथम प्रिंसिपल डॉ. एएन सिंह के नाम पर रखा गया। वर्तमान में डीएसबी परिसर पहले राजकीय महाविद्यालय नैनीताल के नाम से जाना जाता था, बाद में इसे डीएसबी के नाम से जाना गया। डॉ. एएन सिंह 1951में स्थापित राजकीय महाविद्यालय के प्रथम प्राचार्य थे। उन्होंने विद्यार्थियों, शिक्षकों, स्थानीय जनता तथा स्वयं सेवियों के सहयोग से इस सभागार का निर्माण 1954 करवाया था।1973में कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल की स्थापना के पश्चात इस सभागार में प्रथम दीक्षांत समारोह 1975 में आयोजित किया गया था।