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पहाड़ों पर बर्फबारी का इंतजार, यूपी व दिल्ली में अगले 5 दिन तक छाएगा घना कोहरा
पहाड़ों पर बर्फबारी का इंतजार, यूपी व दिल्ली में अगले 5 दिन तक छाएगा घना कोहरा
सीएन, नई दिल्ली। दिसंबर बीतने को है लेकिन पहाड़ों पर अभी भारी बर्फबारी नहीं हो रही है। हालांकि कई राज्यों में ठंड ने सताना शुरू कर दिया है। मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, कम से कम अगले एक सप्ताह तक गिलगित-बाल्टिस्तान से लेकर उत्तराखंड तक पश्चिमी हिमालय की पहाड़ियों में अभी 24 दिसंबर तक मौसम की विशेष गतिविधि नही होने वाली है। दिल्ली में ठंड के साथ ही कोहरे का असर दिखना शुरू हो गया है। मंगलवार सुबह भी दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में कोहरा छाया रहा। आज दिल्ली में 6.3 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रेकॉर्ड हुआ है। 17 दिसंबर 6.0 डिग्री सेल्सियस सीजन का सबसे कम तापमान रेकॉर्ड हुआ था। इससे पहले शहर में सोमवार सुबह पहली बार सीजन का घना कोहरा देखने को मिला। स्थिति यह रही कि राजधानी में दृश्यता घट कर 150 मीटर तक रह गई। इसके साथ ही तापमान में भी लगातार कमी दर्ज हो रही है। ठंड ने धीरे-धीरे लोगों को ठिठुराना शुरू कर दिया है। हालांकि, दिन में निकली धूप लोगों को अभी कुछ राहत दे रही है। इसके बावजूद लोगों के मन में यह सवाल उठने लगा है कि आखिर दिल्ली में ठंड का पीक कब तक आएगा। दिल्ली और आसपास में घने कोहरे की जो शुरुआत हो गई है, इसका दौर कब तक चलेगा। आईएमडी ने अगले पांच दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में घना से बहुत घना कोहरा का पूर्वानुमान किया है। मौसम विभाग ने एक बयान में कहा, ‘ सिंधु-गंगा के मैदानी इलाकों में निचले क्षोभमंडलीय स्तरों पर नमी और मंद गति की हवाओं के कारण, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में रात/सुबह के दौरान कई/कुछ इलाकों में अगले तीन दिन के दौरान घना जबकि चौथे और पांचवें दिन बहुत अधिक घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। आईएमडी के अनुसार, दृश्यता 0 और 50 मीटर के बीच ‘बहुत घना’, 51 और 200 ‘घना’, 201 और 500 ‘मध्यम’ और 501 और 1,000 ‘हल्का’ कोहरा होता है। आईएमडी ने इस संबंध में एक परामर्श भी जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि राजमार्गों पर वाहनों के चालन की कठिन परिस्थितियां, दुर्घटनाएं होने की आशंका और कुछ बिजली लाइन की ट्रिपिंग भी संभव है। आईएमडी ने कहा, ‘ट्रेनों के परिचालन में संभावित देरी, उनके मार्ग में परिवर्तन और परिचालन रद्द भी किये जाने की आशंका है। उड़ान में देरी और उनके रद्द होने से हवाई अड्डे का संचालन प्रभावित होने की आशंका है।