उत्तराखण्ड
आन्दोलनकारियों को रोकना, डराना व दबाने का प्रयास लोकतंत्र की आत्मा पर आघात : यशपाल
सीएन, देहरादून। विकासखण्ड चौखुटिया से स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के विरोध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की दुर्दशा को सरकार के संज्ञान में लाने हेतु देहरादून आए आंदोलनकारियों के साथ पुलिस बल के माध्यम से किया गया दमन अत्यंत निंदनीय एवं लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है। प्रदेश में स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा मांगना कोई अपराध नहीं है। आन्दोलनकारियों को रोकना, डराना और दबाने का प्रयास — लोकतंत्र की आत्मा पर आघात है। जनता की माँग सुनने के बजाय उन्हें घेराबंदी कर रोकना, सरकार के असंवेदनशील और अहंकारी रवैये को दर्शाता है।आज आवश्यकता पुलिस बल की नहीं, योजनाओं, संसाधनों और संवेदनशीलता की है।स्वास्थ्य सुविधाएँ सभी नागरिकों का मूल अधिकार हैं, और इस अधिकार के संघर्ष में जनता अकेली नहीं है। हम जनता के साथ हैं, उनकी आवाज़ सदन से सड़क तक मजबूती से उठाते रहेंगे। यह सरकार जितना दबाएगी, जनता की आवाज़ उतनी ही ऊँची और सशक्त होकर उठेगी। जनहित के मुद्दों पर समझौता नहीं होगा,.लड़ाई जनता के हक़ की है, और यह लड़ाई पूरी ताकत से जारी रहेगीजनता की आवाज़ को रोक नहीं सकते,जनता के अधिकारों को दबा नहीं सकते।









































									
																							













