उत्तराखण्ड
केदारनाथ में बंद रहीं दुकानें, नहीं मिले घोड़े-खच्चर, अव्यवस्था के बीच यात्री हलकान
सीएन, रूद्रप्रयाग। 10 मई को केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते ही तीर्थयात्रियों का इन पवित्र स्थलों पर तांता लगना शुरू हो गया है। पहले दिन का हाल तीर्थयात्रियों को बेहाल कर गया। चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण के लिए मारामारी हो रही है। केदारनाथ में पुरोहितों के विरोध के चलते दुकानें बंद रहीं, घोडे़-खच्चर भी नहीं मिले। चारधाम यात्रा के पंजीकरण के लिए मारामारी मची हुई है। कल शाम तक चारधाम यात्रा के लिए 23 लाख 57 हजार 393 पंजीकरण हुए थे। केदारनाथ के लिए सर्वाधिक आठ लाख सात हजार 90, बदरीनाथ धाम के लिए सात लाख 10 हजार 192, यमुनोत्री के लिए तीन लाख 68 हजार 302 और गंगोत्री के लिए चार लाख 21 हजार 205 पंजीकरण शामिल हैं। वहीं, हेमकुंड साहिब के लिए भी इस बार अभी तक 50 हजार 604 पंजीकरण हो चुके हैं। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के पहले ही दिन तीर्थ पुरोहितों ने केदारपुरी के व्यापारिक प्रतिष्ठान, प्रसाद की दुकानें, खाने के होटल-ढाबे बंद रखे। तीर्थ पुरोहितों ने अपना पंडिताई का काम भी नहीं किया। तीर्थ पुरोहितों की मांग है कि 22 अप्रैल को केदारनाथ धाम में तोड़-फोड़ करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। आरोप है कि सभी तीर्थ पुरोहित जब अपने गांवों में थे, तब कुछ अधिकारियों ने धाम पहुंचकर मजदूरों से मंदिर के आगे मुख्य मार्ग पर भारी तोड़फोड़ करवा दी। केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर संचालित होने वाले घोड़े-खच्चर भी इस दौरान हड़ताल पर रहे।