उत्तराखण्ड
कल 6 नवंबर से होगा आईवीआरआई मुक्तेश्वर में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन विबकोन-2025 का आयोजन
सीएन, मुक्तेश्वर। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद–भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-आईवीआरआई), मुक्तेश्वर नैनीताल परिसर द्वारा, भारतीय पशु प्रतिरक्षा एवं जैव प्रौद्योगिकी सोसाइटी के सहयोग से, जन्तुजन्य रोगों और खाद्य सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन विबकोन-2025 का आयोजन 6 से 8 नवम्बर 2025 तक किया जा रहा है। यह प्रतिष्ठित सम्मेलन “वन हेल्थ” परिदृश्य केअंतर्गत पशुधन उत्पादन एवं संरक्षण की परिकल्पना विषय पर केंद्रित है। मुक्तेश्वर की शांतिपूर्ण कुमाऊँ हिमालयी पृष्ठभूमि में आयोजित यह सम्मेलन पशु चिकित्सा, जैव प्रौद्योगिकी, सार्वजनिक स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा से जुड़े वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, नीति-निर्माताओं तथा पेशेवरों के लिए एक जीवंत मंच प्रदान करेगा, जहाँ वे पशु स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और जनस्वास्थ्य के भविष्य को आकार देने वाले विचारों और नवाचारों का आदान–प्रदान कर सकेंगे। इस अवसर पर परिसर के संयुक्त निदेशक डॉ. यशपाल सिंह मलिक ने बताया कि इस अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी में उभरते एवं पुनः उभरते जन्तुजन्य रोगजनक और उनके नियंत्रण उपाय, एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध तथा उसका जनस्वास्थ्य पर प्रभाव, निदान, टीकों और प्रतिरक्षी उपचारों में नवीन प्रगति, खाद्य सुरक्षा मानक, जोखिम मूल्यांकन और निगरानी तंत्र, जलवायु परिवर्तन एवं जन्तुजन्य रोगों की गतिशीलता, महामारी की तैयारी एवं रोकथाम हेतु वन हेल्थ दृष्टिकोण पर चर्चा की जाएगी जूनोटिक रोग जो पशुओं से मनुष्यों में फैलते हैं आज वैश्विक स्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं। जलवायु परिवर्तन, पारिस्थितिक असंतुलन और एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध जैसे कारण इन रोगों की जटिलता को और बढ़ा रहे हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए विबकोन 2025 “वन हेल्थ दृष्टिकोण” को सशक्त बनाने पर विशेष बल देगा, जो मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को एकीकृत रूप में जोड़ता है। डॉ मलिक ने आगे बताया कि इस संगोष्ठी में उद्योग जगत से जुड़े प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं इसके अतिरक्त देश के विभिन्न राज्यों जिनमें केरल, जम्मू एवं कश्मीर, चेन्नई, मेघालय असम राज्यों के पशु चिकित्सक भाग ले रहे हैं। यह एक ऐसा प्लेटफार्म है जहाँ पर उद्यमी तथा वैज्ञानिक परस्पर सामवेद करेंगे। समस्त कार्यक्रम संसथान निदेशक डॉ त्रिवेणी दत्त के मार्गदर्शन में आयोजित किये जा रहे हैं। जूनोटिक रोग जो पशुओं से मनुष्यों में फैलते हैं आज वैश्विक स्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं। जलवायु परिवर्तन, पारिस्थितिक असंतुलन और एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध जैसे कारण इन रोगों की जटिलता को और बढ़ा रहे हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए विबकोन 2025 “वन हेल्थ दृष्टिकोण” को सशक्त बनाने पर विशेष बल देगा, जो मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को एकीकृत रूप में जोड़ता है। तीन दिवसीय इस सम्मेलन के दौरान प्रमुख विशेषज्ञों के व्याख्यान, तकनीकी सत्र, पशु प्रतिरक्षा विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी एवं खाद्य सुरक्षा से संबंधित समकालीन विषयों पर पैनल चर्चाएँ वन हेल्थ नीतियों, अनुसंधान प्राथमिकताओं और अंतरविषयक सहयोग पर मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियाँ आयोजित की जाएँगी।























































