उत्तराखण्ड
कमाल खान पत्रकारिता की एक सजीव व दमदार निष्पक्ष आवाज थी
लोक वाहिनी की पदयात्राओं को कमाल खान ने देश के स्तर पर उठाया था
सीएन, अल्मोड़ा। वरिष्ठ पत्रकार कमालखान का बीते दिन लखनऊ हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया। उनके निधन पर उत्तराखण्ड़ लोकवाहिनी ने गहरा दुख व्यक्त करते हुवे कहा है कि कमाल खान पत्रकारिता जगत की एक सजीव व दमदार तथा निष्पक्ष आवाज थी उनके निधन से पत्रकारिता जगत की अपूर्णीय क्षति हुई है ।कमालखान ना केवल पत्रकारिता जगत में केवल देश भर की आवाज थे वे उत्तराखण्ड़ के जनआन्दोलनें की भी सशक्त आवाज थे। उन्होंने कहा कि जब राजधानी गैरसैण आन्दोंलन मे आन्दोलनकारी ताकतों पर य़ह आरोप लगाये गये कि उन्होंने वहां बडी मात्रा मे जमीनें खरीद ली है तब कमालखान ने सत्यता को देश के सामने रखा था । यह महज एक प्रोपगण्डा है । वाहनी के वरिष्ट नेता जगत रौतेला ने कहा कि कमाल खान का जनआन्दोलनो के सम्बन्ध मे रिपोर्टिग के लिये अल्मोड़ा मे जाना लगा रहता था । जब भी अल्मोडा़ आते थे हमेशा स्व डा शमशेर सिंह बिष्ट व वाहिनी के साथियों से मिलना जुलना होता रहता था , इधर कुछ वर्षो से उनका अल्मोंडा आना नही हुवा। उलोवा महासचिव पूरन चन्द्र तिवारी प्रवक्ता दयाकृष्ण काण्डपाल ने कहा कि बड़े बाँधों की खिलाफ आन्दोलनकारियो व उलोवा की पदयात्राओं को कमाल खान ने एनडीटीवी के माध्यम से देश के स्तर पर उठाया था। शोक ब्यक्त करने वालो मे उलो वा के उपाध्यक्ष जंगबहादुर थापा रेवती बिष्ट, अजय मित्र सिंह बिष्ट, हरीश मेहता हारिस मुहम्मद, एड जगत रौतेला पूरन चन्द्र तिवारी, दयाकृष्ण काण्डपाल अजय मेहता, कुणाल तिवारी, हारिस मुहम्मद आदि लोग शामिल रहे।