उत्तराखण्ड
उत्तराखंड : मारपीट के बाद कश्मीरी दुकानदारों ने शहर छोड़ा, किसी ने नहीं दिया साथ
उत्तराखंड : मारपीट के बाद कश्मीरी दुकानदारों ने शहर छोड़ा, किसी ने नहीं दिया साथ
सीएन, मसूरी। पहलगाम आतंकी हमले के बाद उत्तराखंड के मसूरी में कश्मीरी नागरिकों को निशाना बनाया गया। अब खबर है कि कम से कम 16 कश्मीरी शॉल विक्रेताओं ने मसूरी छोड़ दिया है। स्थानीय पुलिस के मुताबिक, 23 अप्रैल को दो कश्मीरी दुकानदारों पर हमला किया गया। उन्हें वहां से वापस चले जाने को कहा गयां आरोप लगे कि उन्हें गालियां दी गईं और उनके साथ मारपीट भी की गई उनसे अपना पहचान पत्र दिखाने को कहा गया पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया। जम्मू.कश्मीर के कुपवाड़ा के एक विक्रेता शब्बीर अहमद डार ने कहा कि वो 18 साल से मसूरी में आ रहे हैं। वो मस्जिद के पास रहते हैं और स्थानीय लोगों को लंबे समय से जानते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके साथ मारपीट करने वाले लोग भी इसी इलाके के थे। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, शब्बीर ने कहा कि किसी ने भी उनका साथ नहीं दिया। उन्होंने आगे कहा कि कश्मीर में दूसरे राज्यों से आए कई मजदूर हैं, लेकिन उन्होंने कभी किसी के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया उन्होंने दावा किया कि उनके साथ हुई मारपीट के बाद रात करीब 11 बजे पुलिस उनके घर पहुंची थी। पुलिस ने उन्हें बताया कि वो उनकी मदद नहीं कर सकते। क्योंकि पहलगाम हमले के बाद कश्मीरियों को धमकियां दी जा रही हैं और उनका वापस चले जाना ही बेहतर है। बकौल शब्बीर, उनके भाई ने कश्मीर के एक वरिष्ठ अधिकारी को फोन किया और स्थिति के बारे में बताया। अधिकारी ने यहां के पुलिसकर्मियों से बात की। पुलिस वालों ने कहा कि अगर कुछ गलत होता है तो उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। इसके बाद शब्बीर और उनके भाई और ज्यादा चिंतित हो गए और मसूरी से वापस लौट गए। शब्बीर के रूममेट एक अन्य विक्रेता जावेद अहमद ने कहा कि उन्हें 12 लाख रुपये का सामान छोड़ना पड़ा। हालांकि पुलिस ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने सभी कश्मीरी नागरिकों को वापस जाने को कहा था। पुलिस के मुताबिक उन्होंने बस उन लोगों को ऐसा करने की सलाह दी थी जिन्होंने पुलिस के समक्ष अपना रजिस्ट्रेशन या वेरिफिकेशन नहीं कराया था। देहरादून पुलिस किराएदारों, दुकानदारों और विक्रेताओं सहित बाहरी लोगों की पहचान कर रही है। इसके लिए एक वेरिफिकेशन ड्राइव चलाया जा रहा है। इसकी शुरुआत पिछले सप्ताह की गई थी।
