उत्तराखण्ड
चारों धामों में जन दबाव : सरकार संख्या कम करने पर कर रही है विचार
तीर्थ यात्रियों की लगातार बढ़ रही संख्या सरकार व प्रशासन की बढ़ा रही है चिंता
सीएन, देहरादून। उत्तराखंड के चारों धामों में तीर्थ यात्रियों की लगातार बढ़ रही संख्या सरकार व प्रशासन की चिंता बढ़ा रही है। विशेष रूप से इन क्षेत्रों में सर्द रात और बदलता मौसम श्रद्धालुओं की सेहत पर भारी पड़ रहा है। इसे देखते हुए अब शासन इनकी संख्या को एक बार फिर नियंत्रित करने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत केदारनाथ में प्रतिदिन पंजीकरण कराकर आने वाले 15 हजार यात्री और यमुनोत्री में पंजीकरण कराकर आने वाले सात हजार यात्री ही दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए पर्यटन विभाग के पंजीकरण पोर्टल में बदलाव किया जाएगा। प्रदेश में इस वर्ष चारों धामों में रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इससे सरकार द्वारा श्रद्धालुओं के लिए की गई व्यवस्था अपर्याप्त साबित हो रही है। होटल, लाज व गेस्ट हाउस की मई अंत तक बुकिंग हो चुकी है। श्रद्धालुओं के उत्साह का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पंजीकरण अनिवार्य होने के बावजूद बड़ी संख्या में बिना पंजीकरण कराए यात्री भी चारों धामों में आ रहे हैं। इससे यात्रा में बिना तैयारी के आने वाले यात्रियों को रहने के लिए जगह नहीं मिल पा रही है। केदारनाथ में बर्फबारी व बारिश के कारण श्रद्धालुओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी श्रद्धालुओं से दर्शन और रहने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के बाद ही यात्रा शुरू करने की अपील की है। बावजूद इसके श्रद्धालुओं का बड़ी संख्या में आना जारी है। विशेष रूप से इस बार केदारनाथ के लिए रिकार्ड संख्या में यात्री आ रहे हैं। इसे देखते हुए अब केदारनाथ व यमुनोत्री में यात्रा को नियंत्रित करने की तैयारी है। इसके अंतर्गत केदारनाथ में प्रतिदिन पंजीकृत 15 हजार और यमुनोत्री में सात हजार श्रद्धालुओं को ही दर्शन की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए पुलिस व पर्यटन विभाग ने तैयारी भी शुरू कर दी है। इस क्रम में दोनों धामों के नजदीक यात्री सुविधा केंद्र बनाए जाएंगे, जहां से निर्धारित संख्या में पंजीकृत श्रद्धालुओं को ही आगे जाने दिया जाएगा। यहां निर्धारित संख्या से कम पंजीकृत श्रद्धालुओं के पहुंचने की स्थिति में बिना पंजीकरण के पहुंचने वाले यात्रियों का पंजीकरण कर उन्हें आगे रवाना किया जाएगा।
यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते तीर्थ यात्रियों को दर्शन करने में हो रही परेशानी को देखते हुए प्रशासन ने मंदिर परिसर में वन वे प्लान लागू कर दिया है। इससे मंदिर परिसर में भीड़ नियंत्रित करने के साथ ही भक्त आसानी से दर्शन कर सकेंगे। यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद हर दिन औसतन सात हजार यात्री दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। यात्रियों की अनियंत्रित भीड़ से पूजा करने और दर्शन करने दौरान परिसर में परेशानी हो रही है। इसे देखते हुए जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला के निर्देश पर सोमवार देर रात जानकी चट्टी में उप जिलाधिकारी शालिनी नेगी और तीर्थ पुरोहितों की बैठक हुई। इसमें यमुनोत्री मंदिर, हनुमान मंदिर, सूर्य कुंड, गर्म कुंड के दर्शन का प्लान तैयार किया गया। बैठक में निर्णय लिया कि मंदिर परिसर में आने और जाने के लिए वन वे प्लान लागू किया जाए। जिससे तीर्थ यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा। वन वे प्लान के तहत मंदिर परिसर में यात्री पहले यमुना आश्रम की ओर से प्रवेश करेंगे। इसके बाद वापसी में यमुना की शीतल धारा स्पर्श करते हुए वापस नए पुल से आएंगे।