उत्तराखण्ड
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने छोङी पार्टी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने छोङी पार्टी
सीएन, देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस में अंतरकलह थमने का नाम नहीं ले रही है। उत्तराखंड में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। दरअसल पार्टी के वरिष्ठ नेता और हरीश रावत के करीबी माने जाने वाले निवर्तमान प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कांग्रेस से अपना इस्तीफा दे दिया है। जोत सिंह बीते उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान भी चर्चा में आये थे। उन्होंने चुनाव के दौरान पार्टी के ही कुछ नेताओं पर भितरघात करने का आरोप लगाया था। ता दें कि उत्तराखंड में उपचुनाव भी होने वाले हैं। ऐसे में वरिष्ठ नेता जोत सिंह का कांग्रेस का साथ छोड़ना पार्टी के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। उत्तराखंड की चंपावत सीट पर उपचुनाव के लिए 31 मई को वोट डाले जाएंगे, वहीं नतीजे 3 जून को सामने आएंगे। इस्तीफा देने के बाद जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि कुछ कांग्रेस नेताओं ने खुलेआम चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी का समर्थन किया गया। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार का प्रचार किया और उनके लिए धन भी बांटा। उन्होंने कहा कि मैंने इसकी शिकायत की लेकिन आलाकमान ने इसपर कोई कार्रवाई नहीं की। बिष्ट ने कहा कि इस तरह के रवैये से मेरा मन बहुत दुखी है, अब आज की तारीख से मेरा और कांग्रेस का कोई संबंध नही है। उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस में वैचारिक रूप से जुड़कर काम किया। 40 साल तक अपनी सेवा दी लेकिन अब पार्टी में वैसा विचार नही दिख रहा है, इसलिए अब कांग्रेस में नहीं रह सकता। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए उन्होंने लिखा, “सभी साथियों को अत्यंत दुखी मन से सूचित कर रहा हूं कि कांग्रेस में चल रहे अंतर्कलह, अनुशासन हीनता, निष्ठावान कार्यकर्ताओं की अनदेखी व एक तरफा फैसलों के चलते और पार्टी के भविष्य को अनिश्चितता की ओर जाते देख रहा हूं। अब मैं बिना किसी व्यक्तिगत दुर्भावना रखे कांग्रेस पार्टी के सभी पदों के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं।” अपनी पोस्ट में उन्होंने अंत में कहा, “बातें बहुत हैं लेकिन अधिक लिखना संभव नहीं है। मेरी कार्यशैली की वजह से मुझे पसंद या नापसंद करने वाले आप सभी साथियों का आभार प्रकट करता हूं। फैसला लेते हुए मन बहुत आहत है।” बता दें कि बीते उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबसे अधिक सीटे मिली थीं। राज्य की 70 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने कुल 47 सीटें जीती थीं।