उत्तराखण्ड
अफसरों पर सख्त हुई सरकार, हरदा का सरकार पर प्रहार
सीएन, देहरादून। उत्तराखंड मे धामी सरकार अफसरों पर नकेल कसते हुए उत्तराखंड की जनता को लगातार राहत दे रही है आपको बता दें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे जन शिकायतों का शीघ्र समाधान करेंगे। जन शिकायतों का समुचित रिकॉर्ड रखेंगे। यह ब्योरा उपलब्ध कराएंगे कि कितनी शिकायतों का निपटारा हुआ। मुख्यमंत्री का कहना है कि जनता की समस्याओं के शीघ्र समाधान के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। सीएम धामी के मुताबिक अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि ब्लॉक स्तर की समस्याओं का निराकरण ब्लॉक स्तर पर और जिला स्तर की समस्याओं का निराकरण जिला स्तर पर हो जाना चाहिए। लोगों को अपनी अपनी समस्याओं के हल के लिए परेशान न होना पड़े। मुख्यमंत्री का कहना है की उन्होने प्रदेश की जनता से जो भी वायदे किए हैं तथा राज्य के विकास के लिये जो भी संकल्प लिये है, उन्हें समयबद्धता के साथ पूरा किया जाएगा और जिसको लेकर अफसरों की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एक तरफ जहां सीएम धामी अफसरॉन के पेंच कसने मे लगे हैं वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने सोशल मीडिया पर अफसर वाद छेड़ दिया है। सोशल मीडिया पर हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर तंज कसा है। हरीश ने कहा कि नई सरकार पुरानी ब्यूरोक्रेसी में लगातार खामियां ढूंढ रही है। सरकार के रुख से ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे ब्यूरोक्रेसी में पहले तमाम खामियां थीं और अब सरकार सबको चुस्त-दुरुस्त करने जा रही है। जबकि इससे पहले पांच साल भाजपा की ही सरकार थी। अपने फेसबुक पेज पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार और अफसरशाही के बीच छिड़े द्वंद्व का जिक्र करते हुए सरकार पर निशाना साधा है। मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री तक ब्यूरोक्रेसी को इस अंदाज में धमकाते हुए दिखाई दे रहे हैं, जैसे अब आगे सब चुस्त-दुरुस्त हो जाएगा। लेकिन एक बात, जो समझने वाली है कि ब्यूरोक्रेसी में यह सारी खामियां चुनाव के बाद और भाजपा को दो-तिहाई बहुमत से सत्ता मिलने के बाद ही क्यों उजागर हो रही हैं। हरीश ने कहा कि क्या इससे पहले किसी और पार्टी की सरकार थी? क्या पहले के पांच वर्षों में जो तीन मुख्यमंत्री व मंत्री थे, कहीं और से आयातित थे? मंत्रियों के अंदाज और समाचारों की शब्दावली से ऐसा आभास होता है कि पहले सब गड़बड़ था, अब सब ठीक किया जा रहा है।