उत्तराखण्ड
उत्तराखंड : 3500 मीटर से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हुई बरसात और बर्फबारी, पहाड़ लकदक
उत्तराखंड : 3500 मीटर से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हुई बरसात और बर्फबारी, पहाड़ लकदक
सीएन, देहरादून। 17 दिसंबर को राज्य में अचानक मौसम में परिवर्तन लिया था 3500 मीटर से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बरसात और बर्फबारी हुई थी इन सब के बीच अचानक मौसम के बदले मिजाज के बाद बुधवार को भी मौसम करवट बदल सकता है। बीते रोज बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब सहित आसपास के क्षेत्र में बर्फबारी हुई है। जिससे आसपास के क्षेत्र में अब कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। मौसम विभाग ने आज भी पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं.कहीं आंशिक बादल छाने की उम्मीद जताई है, जबकि देहरादून सहित मैदानी क्षेत्रों में सुबह के समय कोहरा छाने और दिन में मौसम शुष्क रहने का पूर्वानुमान जारी किया है। मंगलवार को देहरादून सहित आसपास के क्षेत्रों में सुबह की शुरुआत हल्की धुंध के साथ हुई। हालांकि थोड़ी देर बाद धूप खिल गई। बीच.बीच में बादल भी मंडराते रहे। मैदानी क्षेत्रों में सूखी ठंड एक बार फिर लोगों की दुश्वारियां बढ़ा रही है और अधिकतम तापमान भी सामान्य से अधिक पहुंच रहा है। हालांकि सुबह और शाम के समय ठिठुरन भरी ठंड हो रही है। वहीं शुष्क मौसम के बावजूद गंगोत्री धाम में तापमान माइनस 1 से 10 डिग्री सेल्सियस तक जा रहा है जिसके चलते गंगोत्री धाम में भागीरथी नदी जमने लगी है। हर्षिल घाटी में दिन के समय अधिकतम तापमान 4 से 5 डिग्री तक पहुंच रहा है। रात के समय यह तापमान माइनस डिग्री सेल्सियस होने के कारण पानी की आपूर्ति के लिए लगाए गए लोहे के पाइप भी फटने लगे हैं। बद्रीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, लालमाटी, रुद्रनाथ, नीति और माणा इलाकों में बर्फबारी हुई। बर्फबारी होने से निचले इलाकों में शाम के समय शीत लहर से ठंड और बढ़ गई। वहीं मैदानी क्षेत्रों में दिन भर चटक धूप खिली रही। नैनीताल सहित कुमाउ के अन्य हिस्सों में आज बुधवार को सुबह से ही धूप खिली रही। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार आज भी पहाड़ों में कहीं कहीं बादल छा सकते हैं। मैदानी क्षेत्रों में सुबह के समय कोहरा भी छा सकता है और दिन के समय आसमान साफ रह सकता है। दक्षिण.पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके साथ चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैला हुआ है। यह प्रणाली अगले 2 दिनों में अधिक प्रभावी होकर पश्चिम.उत्तर पश्चिम दिशा में तमिलनाडु तट की ओर बढ़ सकती है। दक्षिण.पूर्व अरब सागर और आसपास के लक्षद्वीप क्षेत्र के ऊपर भी एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। केंद्रीय पाकिस्तान और जम्मू डिवीजन के पास बने चक्रवाती परिसंचरण का असर अब उत्तर-पश्चिम राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों पर एक प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण के रूप में देखा जा रहा है।