उत्तर प्रदेश
सुप्रीम कोर्ट से आशीष मिश्रा की बेल रद्द करने की मांग
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में किसानों को वाहन से कुचलने का मामला
सीएन, नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत को चुनौती देनी वाली याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. याचिकाकर्ताओं के वकील दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करने की मांग की. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आशीष मिश्रा को जमानत दी थी और 15 फरवरी को वह जेल से बाहर आया था. यूपी सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हमें शुक्रवार को एसआईटी की रिपोर्ट मिली है और इसे राज्य सरकार के पास भेजा गया है. उन्होंने आगे बताया कि हम हलफनामे पर भरोसा कर रहे हैं. हमने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जो कहा, वही कह रहे हैं. हमने एक हलफनामा दायर किया है जिसमें कहा गया है कि गवाहों को व्यापक सुरक्षा प्रदान की गई है. हमने सभी 97 गवाहों से संपर्क किया है और उन सभी ने कहा कि कोई खतरा नहीं है. इससे पहले 30 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी जांच की निगरानी कर रहे जज की रिपोर्ट पर उत्तर प्रदेश सरकार से 4 अप्रैल तक जवाब मांगा था और इसी तारीख तक के लिए सुनवाई टाल दी थी. पिछली सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया था कि उसने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का प्रभावी ढंग से विरोध नहीं किया, यह कहना गलत है. राज्य सरकार ने मामले में मुख्य आरोपी की जमानत का पुरजोर विरोध किया था. बीते साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में कुछ किसान यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे. इस दौरान एक तेज रफ्तार एसयूवी ने कुछ किसानों को कुचल दिया था, जिसमें 4 किसानों की मौत हो गई. इसके बाद प्रदर्शनरत किसान आंदोलित हो गए और हिंसा भड़क गई थी. गुस्साए किसानों ने एक ड्राइवर और भाजपा के 2 कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. एक पत्रकार की भी मौत हुई थी. आरोप है कि जिस गाड़ी से किसानों को कुचला गया, उसे आशीष मिश्रा चला रहा थे.
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