उत्तर प्रदेश
यूपी में पियक्कड़ों की मौज, अंग्रेजी-देसी शराब और बीयर बिकेगी, रेलवे स्टेशनों में खुलेंगी दुकान
यूपी में पियक्कड़ों की मौज, अंग्रेजी-देसी शराब और बीयर बिकेगी, रेलवे स्टेशनों में खुलेंगी दुकान
सीएन, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के रेलवे और मेट्रो रेलवे स्टेशनों पर भी अब एयरपोर्ट की तरह अंग्रेजी शराब की दुकानें खुलेंगी। प्रीमियम ब्रांड की शराब की रिटेल दुकान खोलने के प्रस्ताव को यूपी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी मिल गई है। आबकारी विभाग के राजस्व को बढ़ाने के लिए सरकार ने यात्रा स्थलों पर शराब बेचने का निर्णय लिया है। नई नीति के तहत मॉल्स के मल्टीप्लेक्स एरिया में प्रीमियम ब्रांड की दुकानें खोलने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि सक्षम स्तर से अनापत्ति मिलने पर मेट्रो और रेलवे स्टेशनों पर मुख्य भवन में प्रीमियम रिटेल की दुकान अनुमन्य होंगी। इनका मुख्य द्वार भवन के अंदर होने की बाध्यता खत्म कर दी गई है। वहीं पहली बार विदेशी मदिरा की 60 एमएल और 10 एमएल की बोतलों की बिक्री की अनुमति भी दी गई है। नई आबकारी नीति के तहत प्रदेश में 60,000 करोड़ रुपए साल 2025-26 में कमाने की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही किसान जो फल उत्पादित करते हैं, उस फल से बनने वाली वाइन का प्रदेश के हर जिले में एक अलग आउटलेट खोला जाएगा। पूरे प्रदेश में ऐसे 75 आउटलेट खोले जाएंगे। उत्तर प्रदेश कैबिनेट की मीटिंग में हुए निर्णय की जानकारी प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना और आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने आयोजित प्रेस वार्ता में दी। आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने बताया कि निजी प्रयोग के लिए निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक मदिरा क्रय, परिवहन एवं निजी कब्जे में रखने के लिए वैयक्तिक होम लाइसेंस की व्यवस्था सरल की गई है। लाइसेंस के लिए सालाना फीस 11 हजार रुपए और सिक्योरिटी 11 हजार रुपए होगी। एसेप्टिक ब्रिक पैक में मिलेगी देसी शराब। इसका इस्तेमाल करने से शराब में मिलावट होने की आशंका खत्म होगी। प्रीमियम दुकानों का नवीनीकरण वित्तीय वर्ष 2027-28 तक हो सकेगा। ई-लॉटरी के लिए आवेदकों को नए सिरे से पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। तीन चरणों में होगी ई-लॉटरी, फिर ई-टेंडर से आवंटित होंगी दुकानें। सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक दुकानें खुलेंगी। देसी मदिरा की बोतल और ट्रेटा पैक में एमआरपी दर्ज होगी। प्रत्येक फुटकर दुकान पर डिजिटल पेमेंट और सीसीटीवी अनिवार्य होगा। लाइसेंस उन लोगों को ही मिलेगा, जो तीन वर्ष से लगातार आयकरदाता होंगे। उन्हें अपना आयकर रिटर्न भी दाखिल करना होगा।
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