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इजरायल-ईरान संघर्ष के बीच अमेरिका खुलकर युद्ध में कूदा, अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर सफल हमले का दावा

सीएन, तेल अवीव। इस्राइल और ईरान के बीच जारी संघर्ष दूसरे हफ्ते में प्रवेश कर गया है। हमलों के बीच अमेरिका भी खुलकर युद्ध में कूद गया है। अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर सफल हमले का दावा किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे ऐतिहासिक क्षण करार दिया है। संघर्ष विराम के लिए स्विट्जरलैंड के जिनेवा में ईरान और यूरोपीय देशों के बीच हुई बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकला है। वहीं इस्राइल ने कहा है कि वह लंबे सैन्य अभियान के लिए तैयार है। दोनों पक्षों के बीच लगातार जारी ईरान की तरफ से भी इस्राइल में कई ठिकानों पर मिसाइलें दागी गईं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ईएसटी पर राष्ट्र को संबोधित करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पोस्ट में लिखा कि मैं ईरान में हमारे बहुत सफल सैन्य अभियान के बारे में व्हाइट हाउस में राष्ट्र के नाम एक संबोधन दूंगा। यह संयुक्त राज्य अमेरिका, इस्राइल और दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। ईरान को अब इस युद्ध को समाप्त करने के लिए सहमत होना चाहिए। ईरान इस्राइल के बीच जारी जंग में अब अमेरिका भी खुलकर शामिल हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिकी सेना ने ईरान के तीन परमाणु  संवर्धन केंद्रों पर हमला किया है। ट्रंप ने कहा कि इस तरह से हम सीधे-सीधे इस्राइल के उन प्रयासों में शामिल हो गए हैं, जिनके जरिए वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करना चाहता है। इस बीच ईरान ने जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है जिससे व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष छिड़ सकता है। सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने ईरान के खिलाफ इस्राइली आक्रामकता की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह हमला ईरान की संप्रभुता और सुरक्षा को कमजोर करता है, और यह अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि इससे पूरे इलाके की शांति और स्थिरता को खतरा है। फरहान ने यह बात तुर्की के इस्तांबुल शहर में हुई इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की एक बैठक में कही। उन्होंने कहा कि अब और लड़ाई बंद होनी चाहिए। तनाव नहीं बढ़ना चाहिए, और ईरान व बाकी दुनिया के बीच बातचीत दोबारा शुरू होनी चाहिए। अमेरिका ने इस्राइल से अपने नागरिकों की सुरक्षित घर वापसी के लिए उड़ान सेवाएं शुरू कर दी हैं। इस्राइल में अमेरिकी राजदूत माइक हुकाबी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, चूंकि इस्राइल और ईरान के बीच युद्ध अपने दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर गया है। इसलिए अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए उड़ानें शुरू की जा रही हैं। उन्होंने कहा ऐसे अमेरिकी नागरिक जो वापस आना चाहते हैं उनके लिए एक ऑनलाइन फॉर्म जारी किया गया है। उस पर विवरण देकर उड़ान प्रस्थान की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। हुकाबी ने साथ ही कहा कि अमेरिका ने ईरान में अपने नागरिकों से भी कहा है कि जो लोग वापस आना चाहते हैं वे आ सकते हैं। इसके अलावा अमेरिकी नागरिक अजरबैजान, आर्मेनिया या तुर्की भी जा सकते हैं। इस्राइल-ईरान के बीच तनाव कम करने के लिए यूरोप की तरफ से शुरू की गई कूटनीतिक पहल को खारिज करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि तेहरान यूरोपीय शक्तियों के साथ बातचीत करने के बजाय वाशिंगटन के साथ सीधी बातचीत करना पसंद करता है। उन्होंने कहा कि ईरान यूरोप से नहीं, हमसे बात करना चाहता है। उन्होंने मध्यस्थता करने के यूरोप की क्षमता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इस्राइल युद्ध में अच्छा कर रहा है और ईरान के लिए उसे रोकना थोड़ा मुश्किल है। हालांकि, बातचीत के मुद्दे पर ईरान ने साफ कर दिया है कि जब तक इस्राइल की तरफ से हमला रुकता नहीं है, तब तक वह अमेरिका के साथ अपने परमाणु कार्यक्रम पर कोई बात नहीं करेगा। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरघाची ने इस्राइल के साथ युद्ध में अमेरिकी सैन्य भागीदारी के खिलाफ चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि युद्ध में अमेरिका का शामिल होना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण होगा और यह सभी के लिए बहुत खतरनाक होगा। अरघाची ने इस्तांबुल में इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक से इतर बातचीत में यह चेतावनी दी। इस्राइल ने ईरान के इस्फहान के पास परमाणु अनुसंधान केंद्र पर हमला किया। यहां से धुआं निकलता देखा गया है। इस्राइली सेना के एक अधिकारी ने बताया कि हमले का लक्ष्य दो सेंट्रीफ्यूज उत्पादन स्थल थे। इस्फहान प्रांत के सुरक्षा मामलों के उप-गवर्नर अकबर सालेही ने परमाणु इकाई पर इस्राइली हमले की पुष्टि की और कहा कि इसमें प्रतिष्ठान को नुकसान पहुंचा है, लेकिन कोई मानवीय क्षति नहीं हुई है। ईरान ने भी इस्राइल पर ड्रोन और मिसाइलों से ताबड़तोड़ हमले किए, लेकिन नुकसान के बारे में तत्काल कोई खबर नहीं मिली सकी। इस्राइली अधिकारियों ने इसे छोटा हमला बताया और कहा कि इसे इस्राइली वायु रक्षा प्रणाली ने बहुत हद तक नाकाम कर दिया। रक्षा मंत्री इस्राइल काट्ज ने कहा कि इस्राइल की सेना ने ईरान के कोम शहर में एक अपार्टमेंट को निशाना बनाया। इसमें ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की विदेशी शाखा कुद्स फोर्स के फलस्तीनी कोर के प्रमुख सई इजादी की मौत हुई है। काट्ज ने इजादी की मौत को इस्राइल के लिए बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि इजादी ने इस्राइल पर 7 अक्तूबर, 2023 के हमले से पहले फलस्तीनी आतंकी समूह हमास को धन और हथियार उपलब्ध कराए थे। हमास के इस हमले के बाद ही गाजा में युद्ध की शुरुआत हुई थी। रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने खोरमाबाद पर हुए हमलों में उसके पांच सदस्यों के मारे जाने की पुष्टि की, लेकिन इजादी का जिक्र नहीं किया जो अमेरिकी और ब्रिटिश प्रतिबंधित सूची में था। इस्राइल ने कुद्स फोर्स के कमांडर बेहनाम शाहरियारी को भी मार गिराने का दावा किया है, जो कुद्स फोर्स की तरफ से हिज्बुल्ला और हमास जैसे संगठनों को हथियार मुहैया कराने के लिए जिम्मेदार था। इस्राइल ने कहा कि पश्चिमी ईरान में कार से यात्रा करते समय बेहनाम को निशाना बनाया गया। इस्रराइल का दावा है कि पश्चिमी ईरान में उस चलती कार को 1,000 किलोमीटर से अधिक दूरी से मिसाइल से सटीक निशाना लगाकर ध्वस्त कर दिया गया। इस हमले को इस्राइल की एक और बड़ी सैन्य सफलता माना जा रहा है। इस्राइली वायु सेना ने कहा कि उसने ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स वायु सेना में ड्रोन इकाई के कमांडर अमीन फोर जुडाकी को भी मार गिराया है। जुडाकी ने इस्राइल पर सैकड़ों ड्रोन से हमले कराए थे।

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