अंतरराष्ट्रीय
एक और बड़ा क्षुद्रग्रह आ रहा हमारी धरती से टकराने, खतरनाक क्षुद्रग्रह की लिस्ट में डाला
सीएन, नैनीताल। क्षुद्रग्रह का पृथ्वी के करीब आना, पास से गुजर जाना तो कभी टकरा जाना इनकी नियति है। पर एक नवम्बर को आ रहा क्षुद्रग्रह , कुछ ज्यादा ही बड़ा है। जिसे लेकर वेदशालाओं की नजर इस क्षुद्रग्रह पर केंद्रित हो गई है। हवाई स्थित पैनस्टार्स 2 टेलीस्कोप की रेंज में यह क्षुद्रग्रह 12 सितंबर 2022 को आया। हर कोण से इसकी जांच परख की गई, तो पता चला कि यह लगभग उतना ही बड़ा है, जितना की पिछले महीने डार्ट का निशाना बने क्षुद्रग्रह डिमोर्फोस का था। इसकी पहचान को लेकर वैज्ञानिकों ने इसका नाम 2022 RM4 दिया है। साथ ही वैज्ञानिकों ने इसे खतरनाक क्षुद्रग्रह की लिस्ट में डाल दिया है, जो भविष्य में धरती के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। बहरहाल 1 नवंबर को यह धरती के करीब पहुंचने जा रहा है।
एक झलक देखने को मिल सकती है इस क्षुद्रग्रह की
पृथ्वी के नजदीक जब यह पहुंचेगा तो इसकी झलकभर देखने को मिल सकती है। यह हमारे लगभग 24 लाख किलोमीटर नजदीक पहुंचने जा रहा है। जिस कारण इसके टकराने की कोई संभावना नहीं है। मगर इसे देखने के लिए दूरबीन की आवश्यकता पड़ेगी। एक नवंबर को वह हमारे पास से गुजरने जा रहा है। एरिज़ोना विश्वविद्यालय के स्टीवर्ड ऑब्जर्वेटरी ने इस क्षुद्रग्रह की पुष्टि की है। साथ ही माइनर प्लैनेट सेंटर ने इसे संभावित रूप से खतरनाक क्षुद्रग्रह सूचीबद्ध किया है। पृथ्वी को इससे कोई खतरा नहीं है।
हवाई स्थित पान स्टार्स 2 दूरबीन से 12 सितंबर 2022 को खोजा
हाल ही में खोजे गए इस क्षुद्रग्रह का आकार 740 मीटर है, जो लगभग डिडिमोस के समान आकार का है। डार्ट मिशन ने पिछले माह 26 सितंबर को डिमोर्फोस की दिशा बदला है। नासा का यह मिशन अपनी तरह का पहला ग्रह की रक्षा करने वाला ऐतिहासिक मिशन था। इस संदर्भ में आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान भारत के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा शशिभूषण पांडेय कहते हैं कि पृथ्वी के इन खतरों से निबटने का तरीका हमने सीख लिया है। DART मिशन इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हमारे सामने है। भविष्य में हम इन खतरों से मुकाबला करने के सक्षम हो चुके हैं।
दूरबीन से ही देख सकते हैं इसेक्षुद्रग्रहको
अक्टूबर की शुरुआत में इस क्षुद्रग्रह की चमक बड़ जाएगी और 1 नवंबर को लगभग 14.3 परिमाण तक पहुंच जाएगी। फिलहाल यह अभी काफ़ी फीका है और साफ नजर नही आ रहा है। दूरबीन के जरिए इसे देखा जा सकता है। एक नवंबर को पृथ्वी के करीब पहुंचने पर इसके बारे में अधिक जानकारी जुटाई जा सकती है। जिस कारण वैज्ञानिक इस पर नजर रखे हुए हैं।
अब एपोफिस लघु ग्रह से कोई खतरा नहीं
एपोफिस एक ऐसा लघुग्रह था, जिसे इस सदी के शुरुआत में पृथ्वी के लिए बड़ा खतरा बताया जा रहा था। यह करीब आधा किलोमीटर का है और 2929 में इसके पृथ्वी से टकराने की आशंका जताई जा रही थी। इस आशंका ने वैज्ञानिकों के माथे में चिंता की लकीरें खींच दी थी। वैज्ञानिक लगातार इसकी निगरानी करते रहे और गणित लगाते रहे कि यह कहा पर गिरेगा और कितना ज्यादा नुकसान कर सकता है। साथ ही टकराने के समय की गणना भी करते रहे। गहन अध्ययन के बाद कहा गया कि वह 2036 में टकराएगा। मगर यह गणना भी गलत साबित हुई और अंत में वैज्ञानिकों ने घोषणा की कि अब इससे कोई खतरा नहीं है। वह पृथ्वी के करीब से होकर आगे गुजर जाएगा।श्रोत – EarthSky फोटो – NASA