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11 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस : बाल विवाह की जद में एक करोड़ से अधिक लड़कियां
11 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस: बाल विवाह की जद में एक करोड़ से अधिक लड़कियां
सीएन, नैनीताल। हर साल 11 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। आखिर बालिका दिवस क्यों मनाया जाता है, बालिका दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लड़कियों के अधिकारों और उनके महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है। भारत में लड़कियों को अक्सर लड़कों की तुलना में कम अधिकार और अवसर दिए जाते हैं। उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और सुरक्षा तक पहुंच से वंचित किया जाता है। बालिका दिवस को मनाने से इन मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ती है और लड़कियों के अधिकारों की रक्षा के लिए कार्रवाई की जा सकती है। लड़कियों के अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए बालिका दिवस मनाने से लोगों को लड़कियों के अधिकारों के बारे में जागरूक होने में मदद मिलती है। यह लोगों को लड़कियों को समान अवसरों और सुरक्षा तक पहुंच के महत्व के बारे में शिक्षित करने में मदद करता है। बालिका दिवस मनाने से लड़कियों के सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलता है। यह लड़कियों को उनके अधिकारों और क्षमताओं के बारे में जागरूक करने और उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करने में मदद करता है। बालिका दिवस मनाने से लड़कियों के प्रति भेदभाव को दूर करने में मदद मिलती है। यह लोगों को लड़कियों के प्रति समान व्यवहार के महत्व के बारे में शिक्षित करने और लड़कियों को समान अवसरों तक पहुंच प्रदान करने में मदद करता है। अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस हर साल 11 अक्टूबर को दुनिया भर में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लड़कियों के अधिकारों और कल्याण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। 1995 में बीजिंग में महिलाओं पर विश्व सम्मेलन में, देशों ने महिलाओं के अधिकारों का समर्थन करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युवा लड़कियों के भविष्य की सुरक्षा के लिए एक कार्य योजना को अपनाया। प्लान इंटरनेशनल की पहल के साथ अन्य निकायों ने भी लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा के समर्थन में आवाज उठाई। तब इसे औपचारिक रूप से कनाडा द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव के रूप में पारित करने का प्रस्ताव दिया गया था। नतीजतन 19 दिसंबर 2011 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 अक्टूबर, 2012 को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के उद्घाटन दिवस के रूप में मान्यता देने के संकल्प को सफलतापूर्वक अपनाया। संयुक्त राष्ट्र ने 2011 में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की स्थापना की थी। अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की थीम हर साल बदलती है। 2023 की थीम बालिकाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाएं, कार्रवाई करें, बदलाव लाएं है। यह थीम लड़कियों के अधिकारों के महत्व पर प्रकाश डालती है और कार्रवाई करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करती है।अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने के कई तरीके हैं। स्कूल, समुदाय और सरकारी संगठन अक्सर कार्यक्रम और गतिविधियों की मेजबानी करते हैं। ये कार्यक्रम लड़कियों के अधिकारों और कल्याण के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस एक विशेष दिन है जो महिला और लड़कियों के अधिकारों को प्रमोट करने और सुरक्षित और स्वास्थ्य जीवन की स्थापना करने के लिए समर्पित है। यह दिन गर्व से मनाया जाता है और लड़कियों के शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और भविष्य के विकास की महत्वपूर्ण चुनौतियों को उजागर करता है। अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का उद्देश्य लड़कियों के अधिकारों की प्रमोट करना है और उन्हें बेहतर जीवन के लिए संरक्षित और समर्थ बनाने के लिए समर्थन प्रदान करना है। यह दिन एकाधिक अंगों से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देने का मौका प्रदान करता है।
बाल विवाह की जद में एक करोड़ से अधिक लड़कियां
आज हर चार लड़कियों में से एक बेरोजगार है, जबकि इनकी तुलना में हर दस लड़कों में मात्र एक बेरोजगार है तथा लड़कियां अशिक्षित या अप्रशिक्षित है और ये विश्वव्यापी सांख्यिकीय रिकॉर्ड हैं। हालांकि हम इस बिंदु पर पहुंच गए हैं कि हम इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में पहचानते हैं, फिर भी लड़कियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अभी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक लगभग 1 करोड़ लड़कियां बाल विवाह के खतरे में हैं। कोविड.19 महामारी का खतरनाक प्रभाव लड़कियों को आर्थिक रूप से पड़ा है, जिसमें स्कूल बंद होने और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं में रुकावटों के कारण उन्हें जल्दी शादी के भारी जोखिम में डाल रहे हैं।