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18 दिसंबर को हैॅ अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस : चुनौतियों और कठिनाइयों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का लक्ष्य
18 दिसंबर को हैॅ अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस : चुनौतियों और कठिनाइयों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का लक्ष्य
सीएन, नैनीताल। प्रत्येक वर्ष 18 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र से संबंधित एजेंसी अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन आईओएम के माध्यम से लगभग 272 मिलियन प्रवासियों द्वारा किए गए योगदान को उजागर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस का उपयोग करता है। 18 दिसंबर 1990 को महासभा ने सभी प्रवासी कामगारों और उनके परिवारों के सदस्यों के अधिकारों के संरक्षण पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन पर एक प्रस्ताव अपनाया। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को इस बात के लिए शिक्षित करना है कि हर प्रवासी का सम्मान के साथ व्यवहार करना मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। यह दिन अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों के सामने आने वाली चुनौतियों और कठिनाइयों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का लक्ष्य रखता है। संयुक्त राष्ट्र हर साल सरकारी, संगठनों और इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाले लोगों को इस मौके पर आमंत्रित करती है।
प्रवासी कौन हैं
किसी भी देश का नागरिक जब काम की तलाश में अपने देश को छोड़कर दूसरे देश में जाकर बस जाता है तो उसे प्रवासी कहा जाता है जैसे-यदि कोई भारतीय नागरिक अमेरिका, सऊदी या किसी और देश में जाकर वहां बस जाता है तो प्रवासी भारतीय कहा जाता है। अमेरिका, चीन, रूस, जापान समेत कुछ ऐसे देश हैं, जहां बड़ी संख्या में दुनिया भर से आए प्रवासी बसते हैं। अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों या उनके जन्म के देश के अलावा किसी अन्य देश में रहने वाले लोगों की संख्या साल 2019 में 272 मिलियन तक पहुंच गई थी। विश्व भर में लगभग 31 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय प्रवासी एशिया में, यूरोप में 30 प्रतिशत, अमेरिका में 26 प्रतिशत, अफ्रीका में 10 प्रतिशत और ओशिनिया में 3 प्रतिशत हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट ने दावा किया है कि विश्व में सबसे ज्यादा प्रवासी भारतीय हैं। रिपोर्ट के अनुसार 15.6 मिलियन से अधिक भारतीय विदेश में रहते हैं। वर्ष 2014 से अब तक 5000 से ज्यादा लोग बेहतर जीवन और संरक्षण के लिए जीवन क्षति का सामना कर चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय प्रवास की चुनौतियों का सामना करने, प्रवासियों के अधिकारों को मजबूत करने और धारित विकास में योगदान हेतु वैश्विक समझौते का अंतिम प्रारूप तैयार किया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 18 दिसंबर 1990 को सभी प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों और उनके परिवार के सदस्यों के संरक्षण पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन अपनाया गया। महासभा ने 4 दिसम्बर 2000 को सम्पूर्ण विश्व में बढ़ते प्रवासियों की संख्या को देखते हुए को 18 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। साल 2013 के अक्टूबर माह में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन और विकास पर उच्च स्तरीय वार्ता के दौरान विकास हेतु प्रवास के योगदान को पहचानने पर एक घोषणा को अपनाया।