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मरी हुई मछलियों के कारण लगी इमरजेंसी, इंटरनेट पर वायरल हुए चौंकाने वाले वीडियो
मरी हुई मछलियों के कारण लगी इमरजेंसी, इंटरनेट पर वायरल हुए चौंकाने वाले वीडियो
सीएन, वोलोस। ग्रीस के वोलोस शहर में मरी हुई मछलियों ने एक बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। लाखों मछलियों के मरने से उनकी दुर्गंध से पूरा शहर भर गया है। ग्रीस सरकार ने आपातकाल की घोषणा कर दी है! विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से यह हादसा हुआ है। ग्रीस के वोलोस शहर में मरी हुई मछलियों के सड़ने से भयानक बदबू फैल गई है। इतना ही नहीं मछलियों के इस तरह मरने से देश में आपातकाल की घोषणा करनी पड़ी है। ऐसा माना जा रहा है कि जलवायु परिवर्तन के कारण हाल ही में आए भयंकर तूफान और बाढ़ की वजह से मीठे पानी की ये मछलियां समुद्र में बह गईं जहां वे जिंदा नहीं रह सकीं। अधिकारियों ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया है कि उन्होंने इस खूबसूरत पर्यटन स्थल के आसपास के पानी से 100 टन से भी ज्यादा मरी हुई मछलियां निकाली हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियो में साफ दिख रहा है कि कैसे मरी हुई मछलियां समुद्र के ऊपर तैर रही हैं जिससे पानी का रंग ही बदल गया है! इस घटना की कुछ तस्वीरें और वीडियो एक्स हैंडल ने पोस्ट की थीं जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। उन्होंने कैप्शन में बताया ग्रीस का खूबसूरत बंदरगाह वोलोस पिछले साल आई विनाशकारी बाढ़ के बाद से मरी हुई मछलियों से पटा हुआ है। यह भयानक तबाही सिर्फ जलवायु परिवर्तन के खतरों को ही नहीं दर्शाती बल्कि पर्यटन और मछली पालन पर निर्भर स्थानीय लोगों की आजीविका के लिए भी खतरा है। मछलियों को निकाला गया है और सफाई का काम अभी कई दिनों तक चलने की उम्मीद है। स्थानीय व्यवसायों खासकर पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। कुछ व्यवसायों ने तो अपने कारोबार में 80 प्रतिशत तक की गिरावट की सूचना दी है। तात्कालिक सफाई से परे इस बात की भी चिंता है कि इससे पेगासिटिक खाड़ी के समुद्री जीवन को व्यापक रूप से नुकसान पहुँच सकता है। एक यूजर ने एक क्लिप पोस्ट करते हुए लिखा ग्रीस के वोलोस शहर में बहुत सारी मछलियां मर गईं। 100 टन से ज्यादा मरी हुई मछलियां, बंदरगाह और उसके आस.पास से इकट्ठा की गईं। ऐसा मौसम में अचानक और बहुत बड़े बदलाव की वजह से हुआ। ग्रीस के जलवायु मंत्रालय ने एक महीने के लिए आपातकाल की घोषणा की है। सरकार मरी हुई मछलियों को हटाने के काम में तेजी लाने की कोशिश कर रही है क्योंकि उनसे निकलने वाली दुर्गंध से लोगों को परेशानी हो रही है। यह दूसरी बार है जब इस इलाके में पर्यावरण को इतना नुकसान हुआ है। पिछले साल थेसली क्षेत्र में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी। इस बाढ़ के कारण 1962 में सुखाई गई एक झील में फिर से पानी से भरने से उसका आकार तीन गुना बढ़ गया था। दरअसल 1962 में मलेरिया से निपटने के लिए इस झील को सुखाया गया था।