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चोर-चोर मौसेरे भाई, तुर्की का हाल भी डिट्टो पाकिस्तान जैसा, एक्सपर्ट ने खोल दी कलई

चोर-चोर मौसेरे भाई, तुर्की का हाल भी डिट्टो पाकिस्तान जैसा, एक्सपर्ट ने खोल दी कलई
सीएन, नईदिल्ली।
भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान तुर्की ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया। भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से जारी तनाव और हालिया सैन्य झड़प में तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया। तुर्की ने न सिर्फ पाकिस्तान को हथियार मुहैया कराए बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी समर्थन दिया। बहुत सारे लोगों को ये लगता है कि मुस्लिम देश होने के कारण तुर्की पाकिस्तान के साथ है लेकिन इसके पीछे की असली वजह कुछ और ही है। तुर्की ने पाक को हथियार और ड्रोन मुहैया कराए, साथ ही सैन्य सलाहकार भी दिए। मिलिट्री एविएशन एनालिस्ट टॉम कूपर के अनुसार, तुर्की और पाकिस्तान की सरकारें धर्म का दुरुपयोग कर निजी स्वार्थ साधती हैं। तुर्की के उपराष्ट्रपति पाकिस्तानी सरकार से व्यापारिक सौदे करवाते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव होने पर तुर्की ने दुश्मन की सबसे ज्यादा मदद की। तुर्की ने ना सिर्फ पाक को समर्थन दिया, बल्कि उसे हथियार भी मुहैया करवाए। भारतीय यात्रियों ने तुर्की जाने के प्लान कैंसिल कर दिए, जिसका खामियाजा आने वाले दिनों में इस देश को उठाना होगा। वैसे देखा जाए तो तो तुर्की भी पाकिस्तान की तरह ही चलने वाला देश है। ये दावा मिलिट्री एविएशन एनालिस्ट और इतिहासकार टॉम कूपर ने किया है। उन्होंने पाकिस्तान के दिवालियापन पर भी कई बातें रखीं।मिलिट्री एविएशन एनालिस्ट और इतिहासकार टॉम कूपर ने कहा कि पाकिस्तान और तुर्की के बीच गठजोड़ को आपसी हितों पर आधारित है। वर्तमान में तुर्की सरकार की स्थिति पाकिस्तान सरकार जैसी ही है। तुर्की सरकार पर भी धर्म का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया और पाकिस्तान सरकार पर भी। तुर्की के हुक्मरान धर्म का इस्तेमाल अपने निजी स्वार्थ के लिए करते हैं ताकि अपनी और अपने दोस्तों की जेबें भरी जा सकें। दोनों देशों के बीच यह एक स्वाभाविक गठजोड़ बना हुआ है। तुर्की के उपराष्ट्रपति यहां के व्यापारियों को पाकिस्तानी सरकार से ऑर्डर दिलाते हैं। तुर्की ने पाकिस्तान को 350 से अधिक ड्रोन जैसे. असिसगार्ड सॉन्गर और बायरक्तर टीबी2 दिए। इतना ही नहीं बल्कि पाकिस्तान को तुर्की ने सैन्य सलाहकार और ऑपरेटर भी दिए। ये पाकिस्तान के साथ भारत पर ड्रोन हमलों की योजना बनाने में शामिल थे। टॉम कूपर ने आगे कहा कि पाकिस्तान वास्तव में दशकों से दिवालिया देश बना हुआ है। यह हमेशा किसी न किसी विदेशी बैसाखी के सहारे जिंदा रहा है। समय के साथ पाकिस्तान को आर्थिक सहायता करने वाले देश बदलते रहे हैं जिनमें सऊदी अरब, चीन, कतर और इटली शामिल हैं। पाकिस्तान अपनी आर्थिक स्थिति के कारण बहुत कुछ वहन करने में सक्षम नहीं है। हमेशा बाहरी फंडिंग पर निर्भर रहा है। पाकिस्तान आर्थिक कमजोरी के कारण सस्ते जैसे तुर्की के ड्रोन खरीदने पर मजबूर है। तुर्की को पता है कि भारत भी डिफेंस सेक्टर का बड़ा खिलाड़ी बनकर उभरा है। अर्दोआन को ये भी पता है कि भारत खुद ही ऐसे हथियार बनाने में सक्षम है जिनकी क्वालिटी उसके हथियारों से कई गुना अच्छी है। भारत तुर्की के हथियार कभी नहीं खरीदेगा। ऐसे में पाकिस्तान को पूरी तरह अपने पाले में लेना तुर्की के लिए फायदे का सौदा है। साल 2014 में नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने और इसी साल अर्दोआन प्रधानमंत्री से तुर्की के राष्ट्रपति बने। वैश्विक मंचों पर पीएम मोदी की बढ़ती मौजूदगी और साख की बराबरी अर्दोआन भी करना चाहते हैं। अर्दोआन की एक और इच्छा मुस्लिम देशों का लीडर बनने की भी है।

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