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आज 13 सितंबर इंटरनेशनल चॉकलेट डे विशेष : इतिहास के पन्नो में 450 बीसी से प्रचलित है चाकलेट

आज 13 सितंबर इंटरनेशनल चॉकलेट डे विशेष : इतिहास के पन्नो में 450 बीसी से प्रचलित है चाकलेट
प्रो. ललित तिवारी, नैनीताल। 13 सितंबर का दिवस अंतर्राष्ट्रीय चॉकलेट दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन यूरोप में चाकलेट के आगमन के 466 बर्ष पूरे होने का प्रतीक है । चॉकलेट दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय खाद्य पदार्थों में एक है। खुशी बॉटनी हो या माफी मांगनी हो चॉकलेट ही लोकप्रिय है। चॉकलेट का इतिहास 2500 वर्ष पुराना है, साल 13 सितंबर को इंटरनेशनल चॉकलेट डे मनाया जाता है। यह दिन खास इसलिए भी है क्योंकि आज ही के दिन पहली चॉकलेट कंपनी के संस्थापक मिल्टन एस. हर्शे का जन्म हुआ था। उन्होंने आम लोगों तक सस्ती और अलग-अलग फ्लेवर वाली चॉकलेट पहुंचाने का काम किया। आज चॉकलेट के आनंद का दिन है। इतिहास के पन्नो में चाकलेट 450 बीसी से प्रचलित है। मेसो अमेरिका मैक्सिको से उत्पन्न हुई चॉकलेट का अर्थ हॉट वाटर जो थोड़ा कड़वा हो से संदर्भित है। 4000 वर्ष पूर्व ओलेक्स कोको बींस को अपनी परंपरा तथा दवा में प्रयोग करते थे फिर चॉकलेट को पे पदार्थ के प्रतीक किया जाने लगा । कुछ लोग कोको बींस को गॉड गिफ्ट मानने का उल्लेख भी मिलता है। स्पेन में 16 वी सदी में हरमन कोर्ट्स ने जो स्पेनिश थे ने अमेरिका की यात्रा के दौरान इसे पाया था। 1828 के चॉकलेट सिर्फ धनी लोगों के लिए ही थी। डच केमिस्ट वन हटन ने ने कोको बींस को रोस्ट कर पावडर से चॉकलेट बनाकर कमाल कर दिया तथा आम व्यक्ति तक पहुंचा दिया। 20 वी सदी में चाकलेट पूरे विश्व में लोक प्रिय हो गई तथा 50 से ज्यादा देशों में लगाई जाने लगी तथा 4.7 बिलियन का कारोबार होने लगा जो 2029 तक 67.88 बिलियन यू एस डॉलर हो जाएगा तथा विभिन्न फ्लेवर्स के साथ बाजार में आई चॉकलेट को थियोब्रोमा कोको के नाम से भी जाना जाता है। मानव इतिहास का महत्वपूर्ण उत्पाद , जिसकी शुरुआत 36,000 साल पहले मध्य अमेरिका में भी मानी जाती है। कड़वे पेय के रूप शुरू, एज़्टेक सभ्यता में मुद्रा के रूप में स्थापित आज यह एक विश्वव्यापी पसंदीदा व्यंजन है, जो खुशी और सामाजिक जुड़ाव का प्रतीक बन गया है। माया सभ्यता में कोको एक पवित्र और जीवन का प्रतीक था, जिसे जन्म, विवाह और धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग किया जाता था। वे एक मसालेदार, झागदार पेय बनाते थे जिसे ज़ोकोलाटल कहते थे और इसे शक्ति और शक्ति बढ़ाने वाला मानते थे। 19वीं सदी में, स्विस लोगों ने पहली मिल्क चॉकलेट बनाई, जिसने स्वाद की एक नई दुनिया का जन्म किया। आज चॉकलेट दुनिया भर में लोकप्रिय है और आनंद व उत्सव का प्रतीक है। यह सिर्फ एक भोजन नहीं, बल्कि सामाजिक संपर्क का एक माध्यम भी बन गई है। एक सार्वभौमिक उत्पाद के रूप में चॉकलेट दुनिया भर में लोगों को जोड़ती है। सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए भी एक माध्यम है। चॉकलेट का सेवन तनाव कम करने और खुशी फैलाने में भी मदद करता है। स्विट्जरलैंड, बेल्जियम और जर्मनी जैसे देश उच्च गुणवत्ता वाली चॉकलेट और उनके उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं, जबकि कोको उत्पादन के लिए आइवरी कोस्ट और घाना जैसे पश्चिम अफ्रीकी देश महत्वपूर्ण हैं। इसके अतिरिक्त, फ्रांस अपनी कलात्मक ट्रफल्स, इटली जियानडुजा (एक हेज़लनट-चॉकलेट स्प्रेड) और इक्वाडोर उत्तम प्रकार की चॉकलेट के लिए जाने जाते हैं तथा अमेरिका सर्वाधिक चॉकलेट बनाता है। भारतीय चॉकलेट का बाजार 2.6 बिलियन डॉलर का है। चॉकलेट मानवीय खुशियां बांटने का महत्पूर्ण करती है।

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