अंतरराष्ट्रीय
क्या एक बार फिर पाकिस्तान में तख्तापलट होकर रहेगा
पाकिस्तान में जारी सियासी लड़ाई की तस्वीर अब करीब साफ
सीएन, नई दिल्ली। करीब एक महीने से पाकिस्तान में जारी सियासी लड़ाई की तस्वीर अब करीब-करीब साफ हो गई है। अब ये तय हो गया है कि एक बार फिर पाकिस्तान में तख्तापलट होकर रहेगा। जिसमें विपक्ष के साथ-साथ आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा की भी अहम भूमिका रहने वाली है। क्योंकि, बाजवा और इमरान के बीच तनातनी अब खुलकर सामने आ गई है। पाकिस्तान के एक मीडिया हाउस की तरफ से दावा किया गया है कि इमरान बाजवा को हटाने की तैयारी कर रहे हैं। अगर ऐसा हुआ तो विश्वासमत से पहले ही पाकिस्तान में तख्तापलट हो सकता है। प्रधानमंत्री इमरान खान और आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा के बीच मुलाकात हुई। जिसके बाद से तरह-तरह की खबरें सामने आने लगी है। पाकिस्तान के अखबार द फ्राइडे टाइम्स ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। अखबार ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री इमरान खान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को निशाना बना सकते हैं और बर्खास्त भी कर सकते हैं। और उनकी जगह इस पद पर अपने किसी खास जनरल को बैठा सकते हैं ताकि तख्तापलट की आशंकाओं को दूर किया जा सके। दरअसल, पाकिस्तान में विपक्ष इस वक्त इमरान हुकूमत पर भारी पड़ रहा है और इमरान खान को तख्तापलट का भय है। जबकि, पाकिस्तान की आर्मी अबतक तटस्थ बनी हुई थी। जिसे लेकर इमरान को आशंका थी कि बाजवा विपक्ष का साथ दे रहे हैं। बाजवा और इमरान के बीच की तल्खी उस वक्त सामने आई जब एक जनसभा को संबोधित करते हुए इमरान खान ने बाजवा और मौलाना फजलुर रहमान का जिक्र किया था। इमरान खान का कहना है कि ‘अभी मेरी जनरल बाजवा से बात हो रही थी, उन्होंने कहा इमरान देखिए आप फजलुर रहमान को डीजल मत कहना। मैंने और बाजवा ने तो नहीं लेकिन जनता ने उनका नाम डीजल रख दिया।’ आपको बता दें कि इमरान खान अक्सर अपने भाषणों में मौलाना फजलुर रहमान को डीजल के नाम से बुलाते रहे हैं। जिससे बाजवा खुश नहीं थे। उन्होंने इमरान को सलाह भी दी कि विपक्ष के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल ना करें और मौलाना को खासतौर पर डीजल ना कहें। लेकिन इमरान नहीं मानें। इसी से साफ हो गया कि दोनों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इमरान तो यहां तक बताने लगे कि वो मौलाना को डीजल क्यों कहते है। इमरान खान का कहना है कि ‘फजलुर रहमान को डीजल नून लीग ने कहना शुरू किया। नून लीग का एक रंगबाज जिसने फजलुर रहमान का नाम डीजल रखा था। हमने नहीं रखा था और डीजल इसलिए कि क्योंकि वो डीजल के परमिटों पर पैसे बनाता था।’