दुर्घटना
ममता का चमत्कार- हादसे के 12 घंटे बाद नन्ही बालिका अपनी मृत मां से लिपटी जिंदा मिली
सीएन, पौड़ी। जा को राखे साइयां मार सके ना कोई” यह कहावत पौड़ी हादसे में देखने को मिली हैं। हादसे के 12 घण्टे बाद एक नन्ही बालिका अपनी मृत मां से लिपटी जिंदा मिली जो कि चमत्कार कम नही है। बरात में दूल्हे संदीप की रिश्तेदार रसूलपुर की गुड़िया और उसकी दो साल की बेटी दिव्यांशी भी बस में सवार होकर गई थी। बस में दिव्यांशी अपनी मां की गोद में थी, मगर हादसे के दौरान गहरी खाई में बस के गिरने के बाद भी गुड़िया ने अपनी मासूम बेटी को अपने से अलग नहीं होने दिया। वह अंतिम समय में भी उसे अपनी गोद में रखे रही। हादसे के 12 घंटे बाद जिसने भी इस मंजर को देखा वो इसे चमत्कार ही मान रहा है।बताया जा रहा है कि संदीप की बारात में उसके रिश्तेदार रसूलपुर कस्बे की गुड़िया देवी और उसकी दो साल की बेटी दिव्यांशी भी बस में सवार होकर गई थी जिस समय यह दर्दनाक बस हादसा हुआ उस समय 2 साल की दिव्यांशी अपनी मां की गोद में ही थी अचानक से बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी, मगर इतनी गहरी खाई में गिरने के बाद भी गुड़िया देवी ने अपनी मासूम बेटी को अपने से अलग नहीं होने दिया। उसकी बेटी अंतिम समय में भी अपनी मां की गोद में लिपटी हुई मिली। बतादें कि लालढांग से बारात लेकर पौड़ी गई बस में करीब 52 लोग शामिल थे, जिनमें तकरीबन 15 बच्चे और महिलाएं भी सवार रहे। सड़क हादसे में ग्रामीणों की मौत से गांव में कोहराम मचा हुआ है। दरअसल, जितने भी लोग बस में सवार थे, उनमें से सकुशल वापस लौटने वालों में गिने चुने लोग है। हादसे में 32 लोगों की मौत हो गई जबकि 18 लोग घायल है। sdrf ने सभी शवों को गहरी खाई से निकाल लिया है। मृतकों में दुल्हे संदीप के बडे भाई कुलदीप, बहन सतेश्ववरी देवी जीजा संदीप असवाल, 11 साल का भतीजा सचिन पुत्र कुलदीप सहित मामा के परिवार सहित अन्य 28 रिश्तेदारों की मौत हुई है। इनमें चार बच्चे व छह महिलाएं भी शामिल हैं। संदीप के गाजीवाली में रहने वाले रिश्तेदार सतीश नाथ पुत्र चंद्रमोहन 35 और अनिल नाथ पुत्र चंद्रमोहन 29 और सतीश की पत्नी वर्षा और आठ साल का बेटा लक्ष की भी मौत हो गई। अनिल और चंद्रमोहन परिवार में दोनों ही थे और सतीष के एक ही बेटा था। जबकि अनिल नाथ के एक छोटा बच्चा है और पत्नी है। घर में मां-बाप हैं जो दोनों बीमार है अभी दोनों को हादसे की जानकारी नही दी गई है।