दुर्घटना
पिता के लिए गिफ्ट तैयार कर रही थी बेटी, तिरंगे में लिपटे आए पिता
पिता के लिए गिफ्ट तैयार कर रही थी बेटी, तिरंगे में लिपटे आए पिता
सीएन, जयपुर। दो महीने पहले पंद्रह दिन के लिए लिए ही घर आए थे सांवलराम, पत्नी को कहा था कि जल्द ही लौटूंगा दरअसल अफ्रीका के कांगो में मंगलवार को बाड़मेर के रहने वाले सांवलराम विश्नोई को गोली लग गई थी। उनके परिवार के सदस्यों का कहना था कि वे अपने साथियों के साथ अपने मोर्चे पर थे इस दौरान उपद्रवियों ने हमला कर दिया और गोलियां चला दी। सांवराल ने भी अपने साथियों के साथ उपद्रवियों का डटकर मुकाबला किया लेकिन गोलियां लगने से वे शहीद हो गएं। कांगो जाने से दो महीने पहले वे सिर्फ पंद्रह दिन के लिए अपने गांव आए थे। उनकी शादी सोलह साल पहले हुई थी। उनके दो बेटे हैं । पत्नी रुक्मणी से सांवलराम ने कहा था कि वे जल्द ही लौटेंगे इस बार ज्यादा दिन के लिए आएंगे। किसे पता था कि यह आखिरी मुलाकात होगी, पत्नी ने कहा अगर ऐसा पता होता तो उनको जाने ही नहीं देती। पत्नी से बात कर रहे थे उस समय उपद्रवियों ने हमला कर दिया और जान ले ली
उधर सांवरालराम के साथी सीकर के हैड कांस्टेबल शिशुपाल भी मंगलवार को ही शहीद हुए। कांगो में चल रहे प्रदर्शन के दौरान अचानक हिसा हुई और इस हिंसा में उपद्रवियों ने फायरिंग कर दी और बम फेके। जिस समय यह प्रदर्शन चल रहा था उससे कुछ देर पहले ही शिशुपाल अपने परिवार से बात कर रहे थे। अचानक हमला हुआ तो उन्होनें भी अपने साथियों के साथ मोर्चा संभाला। बाद में उनकी जान चली गई। शिशुपाल के परिजनों ने उनके पिता को इसकी जानकारी ही नहीं दीं। गांव के लोगों को भी पिता से मुलाकात के लिए मना कर दिया। शिशुपाल के पिता को यही बताया गया कि वे घायल हुए हैं । देर रात पिता को सूचना दी गई कि उनकी जान चली गई। तब से पिता बेसुध हैं।