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टमाटर की कीमतों ने देश को रुलाया, उत्तराखंड में 180 तक पहुंचा टमाटर का भाव
सीएन, नैनीताल/दिल्ली। बरसात के मौसम में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। खासकर टमाटर की कीमतों ने घर का बजट बिगाड़ दिया है। आलम ये है कि देश के कई हिस्सों में टमाटर 120 से 180 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। उत्तराखंड के देहरादून, नैनीताल, हल्द्वानी, उधमसिंह नगर सहित कई शहरों में टमाटर की आवक कम होने से इसके भाव 120 से 180 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। अन्य मौसमी सब्जियों के दामों में भी भारी उछाल आया है। हिमाचल के सोलन में सबसे अधिक 300 रुपये प्रति किलो तक टमाटर के भाव की सूचना है। मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में टमाटर के दाम 160 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। रायसेन जिला प्रदेश का सबसे बड़ा सब्जी उत्पादक जिला है। एमपी के अलावा दिल्ली, रायपुर, पटना और कानपुर या लखनऊ में टमाटर आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ-साथ यूपी के प्रयागराज, लखनऊ में टमाटर की कीमतें 100 रुपये प्रति किलो के करीब हैं। वहीं, गोरखपुर में कीमत 160 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। एमपी के रायसेन जिले के कलेक्टर अरविंद दुबे ने टमाटर की कीमतें 160 रुपये तक पहुंचने के लिए बारिश को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि टमाटर की अधिक मांग और कम आपूर्ति के कारण टमाटर की कीमतें बढ़ी हैं। देशभर में टमाटर की कीमतें ऊंची हैं। रायसेन भी अपवाद नहीं है। किसानों ने टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए बिचौलियों को जिम्मेदार ठहराया है। रायसेन जिले के किसान गणपत सिंह कुशवाह, सीताराम कुर्मी और मनोज पटेल ने दावा किया कि बिचौलिए उनकी उपज 20 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से खरीदते हैं और थोक विक्रेताओं को ऊंची कीमत पर बेचते हैं। वहीं दुकानदारों का कहना है कि आवक कम होने के कारण ऐसे हालात बने हैं। सब्जी मंडी के थोक व्यापारियों का कहना है कि रायसेन का क्षेत्र टमाटर उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है लेकिन बारिश से फसलें तैयार नहीं हैं। आलम यह कि भोपाल मंडी में भी टमाटर कर्नाटक से आ रहा है। सिर्फ टमाटर के दाम ही नहीं बढ़े हैं। अन्य सब्जियों की कीमतों में भी उछाल देखने को मिल रहा है। टमाटर के साथ-साथ हरी मिर्च और धनिये की कीमतें भी आम आदमी की जेब पर भारी पड़ रही हैं। रायसेन के मंडीदीप में हरी मिर्च की कीमत 160 रुपये प्रति किलो है जबकि धनिया की कीमत 120 रुपये प्रति किलो के पार पहुंच गई है। खुदरा में अदरक 3 से 400 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. व्यापारियों का कहना है कि पूरे जुलाई महीने में सब्जियों के दाम ऊंचे बने रहेंगे। खतरे की बात यह है कि सरकारों ने टमाटर को सब्सिडी पर बेचना भी शुरू कर दिया है। आंध्र प्रदेश सरकार ने टमाटर की ऊंची कीमतों को देखते हुए राज्य में 50 रुपये प्रति किलो टमाटर बेचने का फैसला किया है। गौरतलब है कि जून के पहले हफ्ते में टमाटर 25 से 30 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा था, लेकिन अब इसकी कीमतें 180 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि बेमौसम बारिश के कारण टमाटर के दाम बढ़े हैं। हिमाचल और कर्नाटक से आमद शुरू होते ही कीमतें कम हो जाएंगी।