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क्राइम

हरियाणा के एडीजीपी सुसाइड केस में डीजीपी व एसपी समेत 14 अफसरों के खिलाफ मामला दर्ज किया

सीएन, चंडीगढ़। हरियाणा के एडीजीपी वाई पूरन कुमार  सुसाइड केस में चंडीगढ़ पुलिस ने बीती रात डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजरानिया समेत 14 अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। चंडीगढ़ पुलिस ने कुल 14 अधिकारियों को आरोपी बनाया है। चंडीगढ़ पुलिस की ओर से सुसाइड नोट को आधार बनाते हुए सेक्टर-11 थाने में 156 नंबर एफआईआर भारत न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 108, 3(5) और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(आर) के तहत दर्ज की गई है। वहीं आईपीएस पूरन की आईएएस पत्नी अमनीत पी. कुमार ने इस एफआईआर पर एतराज जताए हैं। उन्होंने चंडीगढ़ पुलिस को एक और एप्लिकेशन देकर कहा कि एफआईआर में आरोपी अफसरों के नाम अलग से कॉलम में नहीं लिखे गए हैं। एफआईआर को फिक्स फॉर्मेट में लिखा जाए। इसको लेकर उनकी चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर के साथ बहस भी हुई है।बता दें कि बीते रोज सीएम नायब सिंह सैनी ने पूरन सिंह के परिवार से मुलाकात की थी। वहीं, अब हरियाणा सिविल सर्विस ऑफिसर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिख चीफ सेक्रेटरी समेत सभी आरोपियों को पद से हटाने की मांग की है। इस संबंध में गृहमंत्री और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र भेजा गया है। उधर, एफआईआर के बाद आईपीएस वाई पूरन कुमार के परिवार ने पोस्टमार्टम के लिए हामी भर दी थी। पुलिस ने आईपीएस अधिकारी की पत्नी की शिकायत पर हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजरनिया समेत कुल 14 वरिष्ठ अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। शिकायत में इन अधिकारियों पर मानसिक उत्पीड़न और दबाव बनाने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उधर इस मामले में नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल्ड कास्ट्स ने सुओ मोटू कॉग्निज़ेंस लेते हुए चंडीगढ़ के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को नोटिस जारी कर सात दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने को कहा है। आयोग ने कहा है कि वह भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए इस मामले की जांच, पूछताछ करेगा। आयोग द्वारा मांगी गई रिपोर्ट में सभी आरोपियों के नाम, एफआईआर संख्या, तारीख और धाराएं, आरोपियों की गिरफ्तारी और पीड़ित के परिवार को दिए गए मुआवजे (यदि कोई हो) का विवरण शामिल होना चाहिए।हरियाणा में एक आईपीएस अधिकारी द्वारा आत्महत्या करने के बाद प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में भारी टकराव की स्थिति बन गई है। इस घटना ने दलित समुदाय के आईएएस, आईपीएस, एचसीएस और एचपीएस अधिकारियों को एकजुट कर दिया है। आईपीएस पूरण कुमार ने अपनी सुसाइड नोट में कई वरिष्ठ अधिकारियों के नाम लिखे हैं, जिनमें डीजीपी शत्रुजीत कपूर, अमितभा ढिल्लों, संजय कुमार, पंकज नैन, कला रामचंद्रन, संदीप खिरवार, सिबाश कविराज, पूर्व पुलिस महानिदेशक मनोज यादव, पीके अग्रवाल और पूर्व मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद शामिल हैं। इस घटना के चलते अधिकारी दो धड़ों में बंट गए हैं। बुधवार रात चंडीगढ़ में दलित अधिकारियों की एक गुप्त बैठक भी हुई। मुख्य सचिव अवनीत ने मुलाकात में कहा कि उनकी बेटी के अमेरिका से लौटने के बाद ही अंतिम संस्कार पर फैसला लिया जाएगा।

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