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क्राइम

पहले प्यार, फिर शादी और फिर फ्रिज में जमा दी पत्नी की डेडबॉडी

पहले प्यार, फिर शादी और फिर फ्रिज में जमा दी पत्नी की डेडबॉडी
सीएन, देहरादून।
प्यार में धोखे की कई कहानियां आपने सुनी होंगी, लेकिन प्यार में दरिंदगी किसे कहते हैं वो देहरादून की इस सच्ची घटना से पता चलता जो आज से 12 साल पहले हुई, लेकिन आज भी जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। पहले तकिए की मदद से पत्नी की सांसों को रोका, फिर डीप फ्रिजर में रखकर उसकी बॉडी को जमाया। इतने में भी जब अमेरिका से लौटे इस दरिंदे का दिल नहीं भरा तो इसने कर डाले अपनी पत्नी के 72 टुकड़े। इस कहानी की शुरूआत होती है प्यार से, लेकिन खत्म होती है उस हैवानियत पर जिसकी कल्पना करने से भी डर लगता है। नब्बे के दशक के आखिरी साल, दिल्ली की रहने वाली अनुपमा को एक बेहद पढ़े लिखे,सौम्य से दिखने वाले लड़के राजेश गुलाटी से प्यार हो गया। दोनों एक दूसरे को डेट करने लगे। दिल्ली में दोनों ने साथ में अच्छा वक्त बिताया और फिर दोनों ने शादी का फैसला लिया। अनुपमा ने अपने परिवारवालों को राजेश के बारे में बताया। राजेश पढ़ा-लिखा इंजीनियर था, अच्छे परिवार से ताल्लुक रखता था इसलिए परिवारवालों को दोनों के रिश्ते से कोई परेशानी नहीं थी। 1999 में दोनों की शादी हो गई और फिर साल 2000 हजार में दोनों विदेश चले गए। दोनों अमेरिका में रहते थे और वहीं सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब करते थे। करीब 6 साल तक दोनों वहीं रहे और फिर दोनों ने वापस भारत आने का फैसला लिया। अमेरिका से लौटने के बाद राजेश और अनुपमा ने देहरादून में रहना शुरू किया। बड़ा सा घर लेकर वो देहरादून में ही रहने लगे। यहीं दोनों के जुड़वा बच्चे भी हुए। सबकुछ ठीक चल रहा था। बच्चे 4 साल के हो चुके थे। बाहर से देखने में वो एक परफेक्ट फैमिली नज़र आते थे, लेकिन हकीकत तो कुछ और ही थी जो उस वक्त तक किसी को पता नहीं थी। यहां तक की अनुपमा और राजेश के परिवारवाले भी इस हकीकत से अंजान थे। 17 अक्टूबर 2010 के दिन राजेश और अनुपमा दोनों घर पर ही थे। किसी बात को लेकर दोनों की लड़ाई हो रही थी। राजेश ने गुस्से में अनुपमा को धक्का मार दिया। अनुपमा का सिर पास ही किसी चीज़ से टकरा गया। वो बेहोश हो गई। राजेश ने पास ही बेड में पड़े तकिए को उठाया और फिर अनुपमा के मुंह को बंद कर दिया। उसने तब तक तकिए को नहीं हटाया जब तक उसकी जान नहीं गई। विदेश से लौटा ये इंजीनियर अब अपनी पत्नी का कातिल बन चुका था। घर में अनुपमा की लाश थी। राजेश और अनुपमा के दो जुड़वा बच्चे भी उस वक्त घर पर ही थे, लेकिन राजेश ने उन्हें कुछ पता नहीं लगने दिया। इसके बाद वो बाजार से बड़ा वाला डीप फ्रीजर लेकर आया और फ्रीजर में अनुपमा की लाश को जमा दिया। जब बच्चों ने पूछा कि मम्मी कहां है तो इस कातिल ने उन्हें झूठ बोलकर बहला दिया। राजेश ने बच्चों को कहा कि उनकी मम्मी नाना-नानी के घर गई है। मासूम बच्चे उसकी बात मान गए। करीब दस दिन बाद राजेश गुलाटी ने उस डीप फ्रीजर को खोला तो अनुपमा की लाश बर्फ की तरह जम चुकी थी। अब इस हैवान ने अपनी पत्नी की लाश को बाहर निकाला। इस बीच राजेश बाजार से कटर और आरी ले आया था। पूरी तरह से जम चुकी अनुपमा की लाश को इसने आरी और कटर की मदद से छोटे-छोटे टुकड़ों में काटना शुरू किया। इस इंजीनियर ने लाश के 72 टुकड़े किए और फिर उन टुकड़ों को काले रंग की पॉलथीन में रखकर फिर से फ्रीजर में डाल दिया। ये सबकुछ राजेश अपने घर पर ही कर रहा था, लेकिन किसी को कानों कान खबर तक न हुई। आस पड़ोस के लोगों ने जब अनुपमा के बारे में पूछा तो उसने उन्हें भी यहीं कहा कि अनुपमा अपने पेरेंट्स के घर गई है। इस दौरान वो खुद ही अपने बच्चों को अकेले पालता रहा। वो बच्चों को नहलाता, उन्हें स्कूल के लिए तैयार करता। खुद भी अपने काम पर जाता। लाश फ्रीजर में थी, लेकिन उसके चेहरे कोई डर, कोई घबराहट नहीं थी। जब अनुपमा के परिवारवालों ने अनुपमा के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वो उससे नाराज होकर कहीं चली गई है। वीकएंड पर राजेश गुलाटी अपने बच्चों को मसूरी घुमाने भी ले गया और साथ ही उसने अनुपमा की लाश के कुछ पॉलीथीन अपने साथ रख लिए। रास्ते में मसूरी के जंगल में उसने उन पॉलीथीन को फेंक दिया। ये सिलसिला कई हफ्तों तक चला। किसी को राजेश पर शक हीं नहीं हुआ। वीकएंड पर वो हमेशा ऐसे ही लाश से भरी पॉलीथीन को जंगल में फेंक देता। 57 दिन तक ऐसे ही चलता रहा, लेकिन इसी बीच अनुपमा के एक कजिन से राजेश गुलाटी से बात हुई। अनुपमा के उस कजिन को राजेश की बातों पर थोड़ा शक हुआ और उसने पुलिस को खबर की।
पुलिस में जब मामला गया तो सारी हकीकत सामने आई। लाश के अभी भी कुछ टुकड़े फ्रीजर में ही पड़े हुए थे। राजेश को गिरफ्तार किया गया और फिर उसने सारी सच्चाई बताई। राजेश ने बताया कि उसने हॉलीवुड फिल्म से लाश को ठिकाने लगाने का ये तरीका सीखा। 57 दिन तक वो पूरी दुनिया से हकीकत छुपाने में कामयाब हो गया था। 2010 में हुए इस मामले ने पूरे देश में दहशत भर दी। कई महीनों तक ये अखबार और टेलीविजन की सुर्खियां बना था।

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