क्राइम
हल्द्वानी : हत्याकांड में बड़ा खुलासा पत्नी के सिर पर था पति के खून का भूत सवार
हल्द्वानी : हत्याकांड में बड़ा खुलासा पत्नी के सिर पर था पति के खून का भूत सवार
सीएन, हल्द्वानी। बीते रोज नैनीताल जिले के हल्द्वानी तहसील क्षेत्र के देवलचौड़ में पत्नी द्वारा पति को मौत के घाट उतारने के मामले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। बताया गया है कि मृतक की पत्नी गीता के सिर पर सुबह से ही हत्या का भूत सवार था। ये वही गीता थी, जिसने कुछ वर्षों पहले अपने पति लक्ष्मण के साथ जीने मरने की कसमें खाईं थी। दोनों ने हर सुख दुख में एक दूसरे का साथ देने का वायदा भी किया था। बड़ा सवाल यह भी था कि ऐसा क्या हुआ कि शादी के कुछ ही वर्षों बाद गीता ने न केवल अपने पति लक्ष्मण की निर्मम हत्या कर दी बल्कि उसे अपनी आंखों के सामने करीब छह घंटे तक लक्ष्य को रोते बिलखते और तड़पते हुए देखा, मगर फिर भी उसका दिल नहीं पसीजा और उसके दिलो-दिमाग में अपने घायल पति को अस्पताल पहुंचाने की बात तक नहीं आई। इतना ही नहीं जब शाम को उसका बेटा शिवांश घायल पिता की मदद करने को जाने लगा तो उसने शिवांश को भी रोक दिया। छह घंटे घर की सीढ़ियों पर तड़पने के बाद जब आखिरकार लक्ष्मण ने दम तोड दिया तब जाकर कहीं गीता ने चैन की सांस ली। गौरतलब है कि राज्य के नैनीताल जिले के हल्द्वानी तहसील क्षेत्र के देवलचौड़ बंदोबस्ती रामपुर रोड निवासी लक्ष्मण सिंह भनवाल पास की कॉलोनी में सुरक्षा गार्ड का कार्य करते था। बीते रोज वह शराब के नशे में धुत होकर अपने घर पहुंचा और अपनी पत्नी गीता से गाली गलौज और हाथापाई करने लगा। जिस पर गीता ने पर्दे के पाइप से लक्ष्मण पर वार कर दिया। बताया गया है कि हत्यारोपी गीता ने लक्ष्मण के सिर व सीने पर हमला किया। लक्ष्मण का सिर पीछे से फटने पर वह जमीन पर गिर गया। इतने में भी गीता का मन नहीं भरा तो उसने पहले जमीन पर गिर चुके पति के सीने पर दुबारा वार किए और फिर लक्ष्मण को घसीटकर कमरे से छह सीढ़ी नीचे लाकर छोड़ दिया। शाम को उसके बेटे शिवांश के घर वापस आने के बाद परिवार के अन्य सदस्यों को दिन में हुई इस घटनाक्रम की जानकारी तब मिली जब शिवांश ने अपनी ताई के पास जाकर बताया कि पापा को मम्मी ने मार दिया है। जिस पर पुलिस को सूचना दी गई और पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजने के साथ ही हत्यारोपी गीता को भी गिरफ्तार कर लिया। इस संबंध में सीओ सिटी का कहना है कि समय से लक्ष्मण को उपचार मिलता तो उसकी जान बच सकती थी।