Connect with us

धर्मक्षेत्र

बीआरएस या ट्रांसफर, तिरुपति मंदिर में गैर हिंदू कर्मचारियों को निर्देश

बीआरएस या ट्रांसफर, तिरुपति मंदिर में गैर हिंदू कर्मचारियों को निर्देश,
सीएन, तिरुपति।
आंध्र प्रदेश में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर से जुड़ बड़ी खबर सामने आई है। यहां नवगठित तिरुमला तिरुपति देवस्थानम  ने मंदिर में कार्यरत गैर-हिंदू कर्मचारियों के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया है। इस प्रस्ताव के तहत मंदिर बोर्ड में काम करने वाले गैर-हिंदू कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति वीआरएस लेने या आंध्र प्रदेश के अन्य सरकारी विभागों में ट्रांसफर लेने में किसी एक विकल्प को चुनना होगा। बता दें कि तिरुपति मंदिर बीते कई महीनों से चर्चा में बना हुआ है। कुछ ही समय पहले मंदिर के पवित्र प्रसाद में मिलावट की खबर को लेकर काफी बवाल हुआ था। आपको बता दें कि  तिरुमला तिरुपति देवस्थानम एक स्वतंत्र सरकारी ट्रस्ट है। यह दुनिया के सबसे अमीर हिंदू मंदिर तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन करता है। बीते कुछ समय में ट्रस्ट के अधिनियम में तीन बार संशोधन हो चुका है। इसका मकसद ये निर्धारित करना था कि मंदिर बोर्ड और उसके संबद्ध संस्थानों द्वारा केवल हिंदुओं को नियोजित किया जाए। साल 1989 में आए एक आदेश में ये भी कहा गया था कि टीटीडी प्रशासित पदों पर नियुक्तियां हिंदुओं तक ही सीमित रहेंगी। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, गैर-हिंदुओं ने संगठन के भीतर काम करना जारी रखा है। जून 2024 में चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में आंध्र प्रदेश में नई सरकार बनी थी। इसके बाद कथित तौर पर हिंदू कर्मचारियों द्वारा अपने सहयोगियों को अन्य धर्मों से पहचानने की शिकायतें प्राप्त हुई थीं। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के नए अध्यक्ष बीआर नायडू ने इस फैसले की पुष्टि की है। हालांकि उन्होंने मंदिर बोर्ड में काम करने वाले गैर-हिंदू कर्मचारियों की सही संख्या बताने से इनकार कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक ट्रस्ट के नए फैसले से बोर्ड के 7,000 स्थायी कर्मचारियों में से लगभग 300 कर्मचारी प्रभावित होंगे। बता दें कि ट्रस्ट में 14,000 संविदा कर्मचारी भी काम करते हैं। ट्रस्ट का ये फैसला संविधान के अनुच्छेद 16-5 पर आधारित है। ये अनुच्छेद धार्मिक प्रकृति के संस्थानों को अपने धर्म के सदस्यों को नियोजित करने का अधिकार देता है। आंध्र प्रदेश धर्मार्थ और हिंदू धार्मिक संस्थानों और बंदोबस्ती अधीनस्थ सेवा नियमों के नियम 3 में भी कहा गया है कि धार्मिक संस्थानों के कर्मचारियों को हिंदू धर्म को स्वीकार करना होगा। नवंबर 2023 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने भी कहा था कि ट्रस्ट बोर्डों को सेवा शर्तों को अनिवार्य करने का अधिकार है। मालूम हो कि भारत के प्रमुख मंदिरों में से एक तिरुपति बालाजी धाम सुर्खियों में है, जो आंध्र प्रदेश राज्य में तिरुपति जिले के पहाड़ी शहर तिरुमाला में स्थित है। यहां हर रोज भक्तों की भारी भीड़ लगती है। यह चमत्कारी धाम भगवान विष्णु के स्वरूप वेंकटेश्वर जी को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि इस धाम में भक्तों की सभी अधूरी इच्छाओं की पूर्ति होती है। साथ ही सारी बाधाएं दूर होती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर ;में विराजमान भगवान वेंकटेश्वर की प्रतिमा को अलौकिक और जीवंत माना जाता है।

More in धर्मक्षेत्र

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING