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25 मार्च को सुबह 10 बजकर 23 मिनट से शुरू होगा चन्द्र ग्रहण, भारत में नही दिखेगा

25 मार्च को सुबह 10 बजकर 23 मिनट से शुरू होगा चन्द्र ग्रहण, भारत में नही दिखेगा
सीएन, प्रयागराज।
साल 2024 का पहला चंद्र ग्रहण इस साल होली के दिन लगने जा रहा है। होली और चंद्र ग्रहण का ये संयोग 100 साल बाद बन रहा है। इससे पहले होली वाले दिन चंद्र ग्रहण 1924 में लगा था। 24 मार्च को होलिका दहन होगा और अगले दिन यानी 25 मार्च को रंगों की होली खेली जाएगी। 25 मार्च को ही चंद्र ग्रहण भी लगेगा। ये चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा। भारतीय समय के अनुसार चंद्र ग्रहण सुबह 10 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर दोपहर 03 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। चंद्र ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है इसके साथ ही कुछ नियम लागू हो जाते हैं। इन नियमों का पालन सूतक लगने से लेकर चंद्र ग्रहण समाप्त होने तक किया जाता है। चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद भी कुछ काम करने के बारे में शास्त्रों में बताया गया है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सूतक काल से लेकर ग्रहण खत्‍म होने तक मंदिर में पूजा.पाठ करने और भगवान को स्पर्श करने की मनाही होती है। इस समय में प्रेग्नेंट महिलाओं को कैंची, चाकू, मशीन, सुई वगैरह किसी भी तरह की नुकीली चीजों के इस्तेमाल पर पाबंदी होती है। प्रेगनेंट महिलाओं को ग्रहण से होने वाले तमाम नुकसान से बचाने के लिए पेट पर गेरू लगाना चाहिए। सूतक काल शुरू होने से ग्रहण काल खत्म होने तक खाना बनाने और खाने के लिए मना किया जाता है। हालांकि बुजुर्ग और प्रेग्नेंट महिलाओं पर खाने पीने को लेकर कोई मनाही नहीं होती। सूतक काल शुरू होने से पहले ही खानपान की चीजों में तुलसी का पत्ता डालने की सलाह दी जाती है। ग्रहण काल में आप भगवान को स्पर्श करके पूजा नहीं की जा सकती, लेकिन मानसिक जप किया जा सकता है। ग्रहण की नकारात्मकता से बचने के लिए ग्रहण काल के दौरान अपने इष्ट का विशेष रूप से ध्यान करके मन ही मन मंत्र जाप करना चाहिए। इसके अलावा ग्रहण काल के दौरान अपनी क्षमता के अनुसार दान का सामान निकाल कर अलग रख देना चाहिए। ग्रहण खत्म होने के बाद घर की साफ.सफाई करनी चाहिए। घर के सभी सदस्यों को स्नान करना चाहिए। घर में देवी.देवताओं की मूर्तियों की भी सफाई करनी चाहिए और घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए। खाने में डाले गए तुलसी के पत्ते को निकाल देना चाहिए। जो भी दान सामग्री आपने ग्रहण काल के दौरान अलग निकालकर रखी थी उसे ग्रहण काल खत्म होने के बाद दान करना चाहिए। 25 मार्च को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए भारत में सूतक या ग्रहण के नियम लागू नहीं होंगे। सबकुछ रोज की तरह सामान्‍य रूप से होता रहेगा। फिर भी अगर आप ग्रहण काल में ईश्वर का ध्यान करना चाहिए या ग्रहण काल के बाद क्षमतानुसार कुछ दान करना चाहें तो कर सकते हैं। ये काफी शुभ रहेगा, इस चंद्र ग्रहण को उत्तर और पूर्व एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक और अंटार्कटिका के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा।

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