धर्मक्षेत्र
इस बार सावन में कब-कब रखे जाएंगे चार मंगला गौरी व्रत, सुहागन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण
इस बार सावन में कब-कब रखे जाएंगे चार मंगला गौरी व्रत, सुहागन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण
सीएन, हरिद्वार। सावन का नाम आते ही भक्तों में खुशी की लहर दौड़ जाती है। इस पूरे महीने में हर तरफ भोलेनाथ के जयकारे गूंजते रहते हैं। यह पूरा महीना मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित है, जो उनका प्रिय महीना है। हालांकिए श्रावण में मंगलवार का व्रत सोमवार के व्रत जितना ही महत्वपूर्ण है। भगवान शिव की तरह माता गौरी को भी यह महीना प्रिय है। इस दौरान हर मंगलवार को भक्त मंगला गौरी व्रत रखते हैं। मंगला गौरी का व्रत हर साल सावन मास के मंगलवार के दिन रखा जाता है। ऐसे में सावन में आने वाले सभी मंगलवार का विशेष महत्व होता है। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्या दोनों ही रखती हैं। यह व्रत माता पार्वती को समर्पित है। मंगला गौरी व्रत को बहुत ही शुभ फलदायी बताया गया है। मंगला गौरी व्रत की शुरुआत मंगलवार 23 जुलाई से होगी। पहला मंगला गौरी व्रत 23 जुलाई को रखा जाएगा। इस बार कुल 4 मंगला गौरी व्रत होंगे। इस दिन माता पार्वती की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस व्रत को रखती है। जबकि वहीं कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना के लिए इस व्रत को रखती हैं।
मंगला गौरी व्रत दिन
23 जुलाई पहला मंगला गौरी व्रत
30 जुलाई दूसरा मंगला गौरी व्रत
6 अगस्त तीसरा मंगला गौरी व्रत
13 अगस्त चौथा मंगला गौरी व्रत
मंगला गौरी व्रत का महत्व
मंगला गौरी व्रत महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए रखती है। साथ ही घर परिवार में सुख शांति और समृद्धि बनी रहे। इसके लिए भी यह व्रत रखा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से पति पत्नी के बीच के रिश्ते मधुर होते हैं। इसके अलावा संतान सुख की प्राप्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है। यदि किसी कन्या के विवाह में बाधाएं आ रही है मांगलिक दोष है तो वह भी इस व्रत को रख सकते हैं। मंगला गौरी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान शिव के मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और माता गौरी के सामने घी का दीपक जलाकर रखें। धूपबत्ती फल.फूल आदि प्रसाद से मां गौरी की पूजा करें। पूजा समाप्त होने पर मां गौरी की आरती करें और उनसे प्रार्थना करें। मंगला गौरी व्रत से जुड़े अनुष्ठान विशिष्ट हैं और माता गौरी से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इनका निष्ठापूर्वक पालन किया जाना चाहिए। इस साल का पहला मंगला गौरी व्रत सावन माह में 23 जुलाई को मनाया जा रहा है। इस दिन मां गौरी का व्रत और पूजन करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।